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राम भजन लिरिक्स

Ram lala Ghar aa gaile lyrics by Anup Jalota,एगो अउर बनवास ह बितल राम लला घरे आ गइलें,ram bhajan

एगो अउर बनवास ह बितल,राम लला घरे आ गइलें।

धर्म है जीतल दूरदिन बितल, भारत के जयकार भईल।धर्म ह जीतल दुर्दिन बितल
भारत के जयकार भइलराम राज के बेला आइल ,अब सपना साकार भइल।

दीप जलावा ,मंगल गावा,सबके मन हरषा गइलें
एगो अउर वनवास ह बितल, राम लला घरे आ गइलें।की आज अवध में उत्सव भारी, बाजे अनघ बधाईकी अब तिरपाल से अपने महल में आ गइलें रघुराई ।की आज अवध में उत्सव भारी, बाजे अनघ बधाई।की अब तिरपाल से अपने महल में आ गइलें रघुराई ।।



रहे सवाल के घेरा में, अस्तित्व स्वयम् भगवान के।अब जा के फल मिलल बरसों ,के लमहर संग्राम के।राम मंदिर बिन रहे अयोध्या कौना काम के।लाज रख लिहलें राजा रघुवर, अपना धाम के।अंतिम विजय त, सत्य के होई,
फिर से सिद्ध करा गइलें।एगो अउर बनवास ह बितल,राम लला घरे आ गइलें।

धर्म है जीतल दूरदिन बितल, भारत के जयकार भईल।धर्म ह जीतल दुर्दिन बितल
भारत के जयकार भइल।राम राज के बेला आइल ,अब सपना साकार भइल।

बोल सियापति रामचंद्र की जय।

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