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राम भजन लिरिक्स

Avadh me ho Rahi jay jaykar chitra vichitra bhajan,अवध में हो रही जय जयकार,ram bhajan

अवध में हो रही जय जयकार।

तर्ज – कन्हैया ले चल परली पार

अवध में हो रही जय जयकार। अवध मे हों रही जय जयकार। देख के राम लला का मंदिर, तन मन हर्ष अपार। अवध मे हों रही जय जयकार। अवध मे हों रही जय जयकार ।





शुभ संकल्पों का ये पल है, श्रद्धा और भक्ति का फल है।शुभ संकल्पों का ये पल है, श्रद्धा और भक्ति का फल है। ज्योत जले जब सत्य धर्म की, क्यों ना मिटे अंधकार, अवध मे हों रही जय जयकार। अवध में हों रही जय जयकार ।अवध में हो रही जय जयकार।अवध में हो रही जय जयकार।

मंगल नाम अमंगल हारी, लखन सिया संग अवध बिहारी।मंगल नाम अमंगल हारी, लखन सिया संग अवध बिहारी।शीश झुकाएं श्री चरणों में, बैठे पवन कुमार। अवध मे हों रही जय जयकार, अवध मे हों रही जय जयकार ।अवध में हो रही जय जयकार।अवध में हो रही जय जयकार।



अद्भुत लीला अद्भुत शोभा, ऐसा मंदिर और ना होगा।अद्भुत लीला अद्भुत शोभा, ऐसा मंदिर और ना होगा।जन मानस क्या देवी देवता, करते यही विचार।अवध मे हों रही जय जयकार, अवध मे हों रही जय जयकार ।अवध में हो रही जय जयकार।अवध में हो रही जय जयकार।

शांत हरि दर्शन की बेला, संतो भक्तो का लगा है मेला।शांत हरि दर्शन की बेला, संतो भक्तो का लगा है मेला। राम लला की बांकी झांकी, नमन करे संसार। अवध मे हों रही जय जयकार, अवध मे हों रही जय जयकार ।अवध में हो रही जय जयकार।अवध में हो रही जय जयकार।


अवध में हो रही जय जयकार। अवध मे हों रही जय जयकार। देख के राम लला का मंदिर, तन मन हर्ष अपार। अवध मे हों रही जय जयकार। अवध मे हों रही जय जयकार ।

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