तर्ज, गाड़ी वाले मने बिठाले
हे गिरधारी कृष्ण मुरारी,नैया करदो पार,
खिवैया बन जावो।संकटहारी अर्ज गुजारी,
लीलै का असवार,खिवैया बन जावो।
कईया रूस्या बैठ्या हो,बोलो जी कुछ बोलो जी,
रीस करो क्यूँ टाबर पे,आंख्यां तो प्रभु खोलो जी।कईया रूस्या बैठ्या हो,बोलो जी कुछ बोलो जी,रीस करो क्यूँ टाबर पे,आंख्यां तो प्रभु खोलो जी।झर झर रोवै मन को पंछी,हिवड़ै रा आधार,
खिवैया बन जावो।हे गिरधारी कृष्ण मुरारी,नैया करदो पार,खिवैया बन जावो।संकटहारी अर्ज गुजारी,लीलै का असवार,खिवैया बन जावो।
थे रूस्या ना पार पड़े,थां सूँ प्रीत पुराणी है,
मुळक्यां सरसी सांवरिया,निठुराई क्यूँ ठानी है।थे रूस्या ना पार पड़े,थां सूँ प्रीत पुराणी है,
मुळक्यां सरसी सांवरिया,निठुराई क्यूँ ठानी है।
दीनानाथ नाथ पुकारै,दुखिया थारै द्वार,
खिवैया बन जावो।हे गिरधारी कृष्ण मुरारी,नैया करदो पार,खिवैया बन जावो।संकटहारी अर्ज गुजारी,लीलै का असवार,खिवैया बन जावो।
कुंज बिहारी बनवारी,मनड़ो म्हारो काचो है,
रूप तिहारो कानुड़ा,नैणा मांई राच्यो है।कुंज बिहारी बनवारी,मनड़ो म्हारो काचो है,
रूप तिहारो कानुड़ा,नैणा मांई राच्यो है।
फोड़ा घालो क्यूं दिल छालों,बोलो लखदातार,
खिवैया बन जावो।हे गिरधारी कृष्ण मुरारी,नैया करदो पार,खिवैया बन जावो।संकटहारी अर्ज गुजारी,लीलै का असवार,खिवैया बन जावो।
‘श्याम बहादुर’ सेवकियो,चाकर है सिरदारां को,
जनम जनम को साथीड़ो,केवटियो मझधारां को।‘श्याम बहादुर’ सेवकियो,चाकर है सिरदारां को,जनम जनम को साथीड़ो,केवटियो मझधारां को।कृष्ण कन्हैया डगमग नैया,दीज्यो पार उतार,खिवैया बन जावो।हे गिरधारी कृष्ण मुरारी,नैया करदो पार,खिवैया बन जावो।संकटहारी अर्ज गुजारी,लीलै का असवार,खिवैया बन जावो।
हे गिरधारी कृष्ण मुरारी,नैया करदो पार,
खिवैया बन जावो,संकटहारी अर्ज गुजारी,
लीलै का असवार,खिवैया बन जावो।।