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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Jay Mahakal Mahakal Gau by gajendra Pratap Singh ,जय महाकाल महाकाल गाउ,shiv bhajan

जय महाकाल महाकाल गाउ

जय महाकाल महाकाल गाउ।तेरे दरबार में सर झुकाऊ।जय महाकाल महाकाल गाउ।तेरे दरबार में सर झुकाऊ।तेरे दरबार में सर झुकाऊ। जब भी चाहूं तेरा दर्श पाऊं। तुझसे मिलने में उज्जैन आऊं।

जो भी आकर तेरा नाम ले ,उसके दिल को तू आराम दे।जो भी आकर तेरा नाम ले ,उसके दिल को तू आराम दे। क्यों किसी और दर पर मैं जाऊं।तेरे दरबार में सर झुकाऊ। जब भी चाहूं तेरा दर्श पाऊं। तुझसे मिलने में उज्जैन आऊं।

मेरी किस्मत में था तू लिखा ,कैसे ना सर को देता झुका।मेरी किस्मत में था तू लिखा ,कैसे ना सर को देता झुका। लिखा किस्मत का कैसे मिटाऊं।तेरे दरबार में सर झुकाऊ।तेरे दरबार में सर झुकाऊ।जब भी चाहूं तेरा दर्श पाऊं। तुझसे मिलने में उज्जैन आऊं।

नाम तेरा जपा करते थे, जब भी दर्शन तेरा करते थे।नाम तेरा जपा करते थे, जब भी दर्शन तेरा करते थे। तेरी सूरत को दिल में बसाऊं। तेरी मूरत को दिल में बसाऊं।तेरे दरबार में सर झुकाऊ।तेरे दरबार में सर झुकाऊ। जब भी चाहूं तेरा दर्श पाऊं। तुझसे मिलने में उज्जैन आऊं।

जय महाकाल महाकाल गाउ।तेरे दरबार में सर झुकाऊ।जय महाकाल महाकाल गाउ।तेरे दरबार में सर झुकाऊ।तेरे दरबार में सर झुकाऊ। जब भी चाहूं तेरा दर्श पाऊं। तुझसे मिलने में उज्जैन आऊं।

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