जब से लगाई घर में बाबा तेरी तस्वीर। जाने अनजाने ही, मेरी बदल गई तकदीर।जब से लगाई घर में बाबा तेरी तस्वीर।जब से लगाई घर में बाबा तेरी तस्वीर।
मिट्टी हो जाता था, मेरे हाथ से सोना। और आज वही मिट्टी, उगल रही सोना।मिट्टी हो जाता था, मेरे हाथ से सोना। और आज वही मिट्टी, उगल रही सोना। छूने से बदल गई है मेरे हाथों की लकीर।जाने अनजाने ही, मेरी बदल गई तकदीर।जब से लगाई घर में बाबा तेरी तस्वीर।जब से लगाई घर में बाबा तेरी तस्वीर।
जो आंख दिखाते थे, वह आंख झुकाने लगे। जो उंगली उठाते थे, वह हाथ बढ़ाने लगे।जो आंख दिखाते थे, वह आंख झुकाने लगे। जो उंगली उठाते थे, वह हाथ बढ़ाने लगे। जो बुरा भाव रखते थे, उनका भी बदल जमीर।जाने अनजाने ही, मेरी बदल गई तकदीर।जब से लगाई घर में बाबा तेरी तस्वीर।जब से लगाई घर में बाबा तेरी तस्वीर।
मालिक हो तुम घर के, मेरे जीवन का हिस्सा। तुमसे ही शुरू हुआ तुम, पर ही खत्म किस्सा।मालिक हो तुम घर के, मेरे जीवन का हिस्सा। तुमसे ही शुरू हुआ तुम, पर ही खत्म किस्सा। कहे मोहित मेरे जैसा न दूजा कोई अमीर।जाने अनजाने ही, मेरी बदल गई तकदीर।जब से लगाई घर में बाबा तेरी तस्वीर।जब से लगाई घर में बाबा तेरी तस्वीर।
जब से लगाई घर में बाबा तेरी तस्वीर। जाने अनजाने ही, मेरी बदल गई तकदीर।जब से लगाई घर में बाबा तेरी तस्वीर।जब से लगाई घर में बाबा तेरी तस्वीर।