दुनिया से था मैं हारा, इसने दिया सहारा।दुनिया से था मैं हारा, इसने दिया सहारा। अब डर मुझे नहीं है, मुझे श्याम ने जो तारा।दुनिया से था मैं हारा, इसने दिया सहारा।दुनिया से था मैं हारा, इसने दिया सहारा।
हर ग्यारस को दरबार लगता है यह। भक्तों के दिल की बात को सुनता है यह। लेकिन भक्तों के भाव को पड़ता है यह। जो सच्चे मन से आए साथ देता है यह। बाबा तीन बाण धारी, वो सुनता है हमारी। जब जब भी नाम लूं मैं हर कष्ट से उबारा।दुनिया से था मैं हारा, इसने दिया सहारा।दुनिया से था मैं हारा, इसने दिया सहारा।
तेरी चौखट पर आकर कौन संभलता नहीं। कौन कहता है कि भाग्य बदलता नहीं। भाग्य बदल दे ऐसा दातार है यह। मैं तो कहती हूं भाग्य विधाता है यह। डूबी थी जब भी नईया ,हो तुम ही बने खिवैया। दुनिया को मैं बताऊं चमका दिया सितारा।दुनिया से था मैं हारा, इसने दिया सहारा।दुनिया से था मैं हारा, इसने दिया सहारा।
गैरों का नहीं अपनों का सताया हूं मैं। बहुत खाकर ठोकरे इसके दर आया हूं मै। इसकी कृपा से भक्तों संभल पाया हूं मैं। श्याम ने दिखाई राह तो चल पाया हूं मैं। हारे का है सहारा वो मेरा श्याम खाटू वाला। रितिका बताएं सबको, कनिका बताएं सबको बाबा ने हमको तारा।दुनिया से था मैं हारा, इसने दिया सहारा।दुनिया से था मैं हारा, इसने दिया सहारा।
दुनिया से था मैं हारा, इसने दिया सहारा।दुनिया से था मैं हारा, इसने दिया सहारा। अब डर मुझे नहीं है, मुझे श्याम ने जो तारा।दुनिया से था मैं हारा, इसने दिया सहारा।दुनिया से था मैं हारा, इसने दिया सहारा।