ढोल बाजे और नगाड़ा बाजे, सोने सिंहासन राम बिराजे।भगवाधारी छा गए, तंबू से महलों में आ गए।भगवाधारी छा गए, तंबू से महलों में आ गए।भगवाधारी छा गए, तंबू से महलों में आ गए।तंबू से महलों में आ गए।
राम से बड़ा कोई नाम नहीं, अयोध्या से बड़ा कोई धाम नहीं। नारे बहुत है दुनिया में ,जय श्री राम सा नारा नही। नस नस में राम समा गए।तंबू से महलों में आ गए।भगवाधारी छा गए, तंबू से महलों में आ गए।
मंगल भवन अमंगल हारी, राज तिलक की कर लो तैयारी। द्रभहूंसु दसरथ अजर बिहारी, आ रहे हैं भगवाधारी। आंखों में आंसू आ गए, मित्तल के आंसू आ गए।तंबू से महलों में आ गए।भगवाधारी छा गए, तंबू से महलों में आ गए।
पहले मिलते थे दशहत में दर्शन। सर पर सिपाही लेकर खड़े गन। अब कोई ना डर ना कोई पहरा सेवादारों का प्रेम है गहरा। आजादी के पल आ गए।भगवाधारी छा गए, तंबू से महलों में आ गए।भगवाधारी छा गए, तंबू से महलों में आ गए।
ढोल बाजे और नगाड़ा बाजे, सोने सिंहासन राम बिराजे।भगवाधारी छा गए, तंबू से महलों में आ गए।भगवाधारी छा गए, तंबू से महलों में आ गए।भगवाधारी छा गए, तंबू से महलों में आ गए।तंबू से महलों में आ गए।