रूत क्यों है आई,राधा कृष्ण की जुदाई की।
बात क्यों करते हो कान्हा तुम बिदाई की।
जो प्रीतम से तुम दूर जाओगे,
किसके लिए फिर बंसी तुम बजाओगे।
छीन गए हैं चैन तेरे नैन बावरे,
राधा के तुम ही हो सांवरे,राधा के तुम ही हो सांवरे।नैन बावरे, नैन बावरे।
राधा के तुम ही हो सांवरे,राधा के तुम ही हो सांवरे।
ना चाहूं मैं महल ये दौलत,ना चाँदी ना सोना।
मैं तो चाहूं बस तेरे कांधे पे सारा रख सोना।
जो हो जाए कृष्णा तू मेरा तो काहे का रोना।
पूरा दिल ना मांगू बस देदे दिल में एक कोना।
जा तो रहे हो फिर कब मिलोगे,
ये तो बता दो तुम सही।किस लोक में होगा मिलन,हां फिर होगा भी नहीं।
छीन गए हैं चैन तेरे नैन बावरे,
राधा के तुम ही हो सांवरे,राधा के तुम ही हो सांवरे।नैन बावरे, नैन बावरे,
राधा के तुम ही हो सांवरे,राधा के तुम ही हो सांवरे।
एक वादा क्या जाते-जाते मुझसे करोगे।
सासे आखिरी जब मैं लूं क्या पास रहोगे।
दूर मुझसे जो हो भी गया तो दिल से नहीं होंगे।
गम तुम्हें कोई नहीं होगा, हो भी तो मुझसे कहोगे।प्राण त्यागते हुए मुझे बंसी सुनाओगे क्या।आखिरी बार मुझको कांधे पे सुलझाओगे क्या।पूछो ना दिल से आपने मुझे भूल पाओगे क्या।बस भी करो अब मोहन और भी रुलाओगे क्या।
छीन गए हैं चैन तेरे नैन बावरे,राधा के तुम ही हो सांवरे।राधा के तुम ही हो सांवरे।
नैन बावरे, नैन बावरे,राधा के तुम ही हो सांवरे।
राधा के तुम ही हो सांवरे।
जाओ ना कन्हैया हमसे दूर,जी नहीं पाएंगे, यूं ही मर जाएंगे।जाओ ना कन्हैया हमसे दूर।
जी नहीं पाएंगे, यूं ही मर जाएंगे।