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श्याम भजन लिरिक्स

Sanwre ka dar nirala hai by Jyoti pal,खाटू में सांवेर का दरबार निराला है,shyam bhajan

खाटू में सांवेर का दरबार निराला है।

खाटू में सांवेर का दरबार निराला है। जब करता मैं तेरा दर्शन वह दीदार निराला है।खाटू में सांवेर का दरबार निराला है।खाटू में सांवेर का दरबार निराला है।

रिंगस से जब तेरे प्रेमी निशान उठाते हैं। अपने हृदय में भावों से तुझको ही मनाते है।रिंगस से जब तेरे प्रेमी निशान उठाते हैं। अपने हृदय में भावों से तुझको ही मनाते है। वह निशान चढ़ाने का एहसास निराला है।खाटू में सांवेर का दरबार निराला है।खाटू में सांवेर का दरबार निराला है।

तेरी पावन ज्योत का दर्शन करने जो दर पर आए। फिर तेरी मोर छड़ी का झाडा भी वो  पा जाए।तेरी पावन ज्योत का दर्शन करने जो दर पर आए। फिर तेरी मोर छड़ी का झाडा भी वो  पा जाए। उसके कष्ट मिटाने का अंदाज निराला है।खाटू में सांवेर का दरबार निराला है।खाटू में सांवेर का दरबार निराला है।

अब मैं भी अपने सर को तेरी चौखट पर झुकाया। मैंने देखा तेरे दर पर लिखा हारे का सहारा।अब मैं भी अपने सर को तेरी चौखट पर झुकाया। मैंने देखा तेरे दर पर लिखा हारे का सहारा।ज्योति को शरण लगाया यह उपकार निराला है।खाटू में सांवेर का दरबार निराला है।खाटू में सांवेर का दरबार निराला है।

खाटू में सांवेर का दरबार निराला है। जब करता मैं तेरा दर्शन वह दीदार निराला है।खाटू में सांवेर का दरबार निराला है।खाटू में सांवेर का दरबार निराला है।

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