तर्ज, टूटे बाजूबंद री लूम
थारो खूब साजयो सिंगार म्हारा सांवरिया।थारो खूब सज्यो श्रृंगार,म्हारा सांवरिया।
म्हारा साँवरिया सरकार,फेरूँ माथे लुण राई,
थारी लेउँ नजर उतार,कोई जादू कर देवेगी,
कोई टोनों कर देवेगी,बच के रहीयो सरकार।।
नागण सी लट या लटके,ऊपर से क्यों तू झटके,
तने देख देख सांवरिया म्हारो,हिवड़ो यो भटके,
कोई जादू कर देवेगी,कोई टोनों कर देवेगी,
बच के रहीयो सरकार।।
तेरी अखियाँ है कजरारी,तेरी चितवन जादूगारी,
अइया आँखा ने मटकावे,मैं तो हारी रे दिल हारी,
कोई जादू कर देवेगी,कोई टोनों कर देवेगी,
बच के रहीयो सरकार।।
क्यों होले से मुसकावे,क्यों कालजे तीर चलावे,
कोई लेजा सी चुराके तने,समझ नहीं क्यों आवे,
कोई जादू कर देवेगी,कोई टोनों कर देवेगी,
बच के रहीयो सरकार।।
तू मान ले ‘श्याम’ कहनो,अब छोड़ दे सजनो सवरनो,तेरो तो कुछ भी ना जासी,
म्हाने पड़ जावेगे महंगो,कोई जादू कर देवेगी,
कोई टोनों कर देवेगी,बच के रहीयो सरकार।।
थारो खूब साजयो सिंगार म्हारा सांवरिया।थारो खूब सज्यो श्रृंगार,म्हारा सांवरिया।