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राम भजन लिरिक्स

Dwar mere ram aaye by swasti mehul,मैंने भावों से प्रभु को बुलाया हां द्वार मेरे राम आए,ram bhajan

मैंने भावों से प्रभु को बुलाया, हां द्वार मेरे राम आए।

मैंने भावों से प्रभु को बुलाया, हां द्वार मेरे राम आ।मैंने भावों से प्रभु को बुलाया, हां द्वार मेरे राम आए।

अंगना सजाऊ द्वार दीप जलाऊं। राहों में प्रभु के मैं पुष्प बिछाऊं। हुई धन्य की आज मेरी कुटिया के द्वार मेरे राम आए।मैंने भावों से प्रभु को बुलाया, हां द्वार मेरे राम आए।मैंने भावों से प्रभु को बुलाया, हां द्वार मेरे राम आए।

हर पल हर घड़ी एक तुम्हारा,सपना जता रहा। धुन तेरे नाम की जय जय श्री राम की, मन यह जपता रहा। दीप जलाऊं मैं तो आरती उतारू, अपने आराध्य को में एक टक निहारूं। खुशी खुशी सबको बताऊं कि आज मेरे भाग जागे।मैंने भावों से प्रभु को बुलाया, हां द्वार मेरे राम आए।मैंने भावों से प्रभु को बुलाया, हां द्वार मेरे राम आए।

काट विकट बनवास की पीड़ा, बढे अयोध्या में कदम। घर-घर दीप जले स्वागतम देखो आए सिया राम लखन। धर्म सनातन ध्वज केसरिया, जय जयकार गूंजे श्री राम की। घर-घर दीप जले स्वागत में, आए द्वार देखो राम जानकी। ईट ईट जोड़ हमने मंदिर बनाया। घर-घर अयोध्या का आज जगमगाया। मैं तो रुचि रुचि पलना झूलाऊं की मेरे द्वार राम आए।स्वस्ति झूम झूम मस्ती में गाए, कि मेरे द्वार राम आए।मैंने भावों से प्रभु को बुलाया, हां द्वार मेरे राम आए।मैंने भावों से प्रभु को बुलाया, हां द्वार मेरे राम आए।

राम सिया राम सिया राम सिया राम।राम सिया राम सिया राम सिया राम।राम सिया राम सिया राम सिया राम।राम सिया राम सिया राम सिया राम।राम सिया राम सिया राम सिया राम।राम सिया राम सिया राम सिया राम।

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