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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Radhe radhe govind hari madan gopal,राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल,krishna bhajan

राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल

राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल। मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।

शरद पूनम की रात गगन पर चंदा मुस्काए। सजे अनुपम शाह सांवरिया यमुना तट आए।शरद पूनम की रात गगन पर चंदा मुस्काए। सजे अनुपम शाह सांवरिया यमुना तट आए। मल अज सौरभ मंडित प,चलत समीर घुलाई। जूही मल्लिका रजनीगंधा की, कण कण वास समाई।पंकज गोस खिले बिन नी,भव अर भीड़ ढ़ाई।कदली स्वर्ण लता उर झरनी, मानों लेलाई। बजी मुरली कान कान मधुर,स्वर कसक ह्रदय जाई।शरद पूनम की रात गगन पर चंदा मुस्काए।शरद पूनम की रात गगन पर चंदा मुस्काए।सजे अनुपम शाह सांवरिया यमुना तट आए।सांवरिया यमुना तट आए। चंदा की चांदनी में यमुना के तिरे। मस्ती से बंसरी बजाए धीरे-धीरे।चंदा की चांदनी में यमुना के तिरे। मस्ती से बंसरी बजाए धीरे-धीरे। मधुबन के कुंजन में मनहर की बातें। छोटे से कन्हैया की ऊंची ऊंची बातें।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।चंदा की चांदनी में यमुना के तिरे। मस्ती से बंसरी बजाए धीरे-धीरे।चंदा की चांदनी में यमुना के तिरे। मस्ती से बंसरी बजाए धीरे-धीरे।मधुबन के कुंजन में मनहर की बातें। छोटे से कन्हैया की ऊंची ऊंची बातें।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।

शिव शंकर छाड़ दियो डमरू, तज वीणा को शारदा भाजन लागी।ध्वनि पूरी गई पाताल नभ में,ऋषि नारद के सिर गाजन लागी। जड़ चेतन मोह लिए सब ही,यमुना रोक के राजन लागी।हरे कृष्ण पे व्रज मंडल में, ब्रजराज की बांसुरी बाजन लागी।ब्रजराज की बांसुरी बाजन लागी।ब्रजराज की बांसुरी बाजन लागी।ब्रजराज की बांसुरी बाजन लागी।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।

चंदा की चांदनी में यमुना के तिरे। मस्ती से बंसरी बजाए धीरे-धीरे।मधुबन के कुंजन में मनहर की बातें। छोटे से कन्हैया की ऊंची ऊंची बातें।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।

बांसुरी की तानन के कानन में पड़ गई। जो जैसे रही वैसे भागे बस रीति में। तन को संभार भूलयो कुल को खंभार भूयो।अरे काको विचार भुल्यो लाग्यो निध प्रीत में। चली बरबस होके, रूकी ना बहू के रोके।विवश को रंग होके सारंगी के गीत में। ललित बिहारी यह पीवन पियूष पहुंची, प्राणन ते प्यारे पिया प्रियतम की प्रीत में।प्राणन ते प्यारे पिया प्रियतम की प्रीत में।प्राणन ते प्यारे पिया प्रियतम की प्रीत में।प्राणन ते प्यारे पिया प्रियतम की प्रीत में। विकल भई ब्रजभोरी ललना। यह निकसी शदण विषारी। धरत कहूं पग पड़त कहूं पग, बोलत नहीं संभारी। उलट पलट सिंगार बनाए, पगली भाई बेचारी। कुवे भांग पड़ी गोकुल के, अरि प्रेम की लीला न्यारी। खींची जात मुरली बाग बरबस, सखी विकट प्यार की पीड़। मुरलिया बाजी रे ,बाजी रे, बाजी जमुना तीरमुरलिया बाजी रे ,बाजी रे, बाजी जमुना तीर।चंदा की चांदनी में यमुना के तिरे। मस्ती से बंसरी बजाए धीरे-धीरे।मधुबन के कुंजन में मनहर की बातें। छोटे से कन्हैया की ऊंची ऊंची बातें।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।

बढ़ती हुई भोर विभावरी में, सब एक ही संग सीधाही हो क्यों। वन में पशु जंतु होवत है, ब्रजराज से मार्ग बचाई हो क्यों। किसी राक्षस ने उत्पाद किया, सूर्यभद्र ने बात बचाई हो क्यों। कहो शीघ्रता से कहो बात है क्या, इतनी यहां रात में आई हो क्यों।इतनी यहां रात में आई हो क्यों।इतनी यहां रात में आई हो क्यों। यह अग्नि तुम्हारी लगाई हुई है, बिना आपके और बुझाएगा कौन। परिवार कुटुंब से नाता तजा, उनमें हमको अपनाएगा कौन। हरे कृष्णा दया निधि को तजके, दुखियों में दया बरसाएगा कौन। अहो प्रीतम प्यारे तुम्हारे बिना, अधरामृत पान कराएगा कौन।अधरामृत पान कराएगा कौन।अधरामृत पान कराएगा कौन।अधरामृत पान कराएगा कौन।अधरामृत पान कराएगा कौन।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।

चंदा की चांदनी में यमुना के तिरे। मस्ती से बंसरी बजाए धीरे-धीरे।मधुबन के कुंजन में मनहर की बातें। छोटे से कन्हैया की ऊंची ऊंची बातें।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।राधे राधे गोविंद हरी मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।मदन गोपाल प्यारो मदन गोपाल।

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