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durga bhajan lyrics दुर्गा भजन लिरिक्स

Raat sapne me aayi bhawani,रात सपने में घर आई रे भवानी,durga bhajan

रात सपने में घर आई रे भवानी,

रात सपने में घर आई रे भवानी।रात सपने में घर आई रे भवानी। आई रे भवानी घर आई रे भवानी। शेर पर सवार होकर आई रे भवानी।रात सपने में घर आई रे भवानी।रात सपने में घर आई रे भवानी।

जब यह भवानी मेरे अंगना में आई। चौक लीपाया मैंने आसन पर बैठाई।जब यह भवानी मेरे अंगना में आई। चौक लीपाया मैंने आसन पर बैठाई। हलवा और पूरी से जीमाई रे भवानी।रात सपने में घर आई रे भवानी।रात सपने में घर आई रे भवानी।

माथे पर मैया के चंदन साजे। चक्र सुदर्शन शंकर बिराजे।माथे पर मैया के चंदन साजे। चक्र सुदर्शन शंकर बिराजे। लाल लाल चूड़ी से सजाई रे भवानी।रात सपने में घर आई रे भवानी।रात सपने में घर आई रे भवानी।

हाथों में मैया के मेहंदी रचाई। पैरों में बजनी सी पायल पहाई।हाथों में मैया के मेहंदी रचाई। पैरों में बजनी सी पायल पहनाई। मैंने अपने अंगना में नचाई रे भवानी।रात सपने में घर आई रे भवानी।रात सपने में घर आई रे भवानी।

नवरात्र में मां की चौकी सजाई। अगर कपूर बाती जोत जगाई।नवरात्र में मां की चौकी सजाई। अगर कपूर बाती जोत जगाई। आज मेरे मन में समाई रे भवानी।रात सपने में घर आई रे भवानी।रात सपने में घर आई रे भवानी।

रात सपने में घर आई रे भवानी।रात सपने में घर आई रे भवानी। आई रे भवानी घर आई रे भवानी। शेर पर सवार होकर आई रे भवानी।रात सपने में घर आई रे भवानी।रात सपने में घर आई रे भवानी।

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