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durga bhajan lyrics दुर्गा भजन लिरिक्स

Ambe rani ko bulaungi,अंबे रानी को बुलवाऊंगी पड़ोसी नचवाऊंगी,durga bhajan

अंबे रानी को बुलवाऊंगी पड़ोसी नचवाऊंगी।

शेरावाली को बुलाऊंगी, पड़ोसी नचवाऊंगी।अंबे रानी को बुलवाऊंगी पड़ोसी नचवाऊंगी।पड़ोसी नचवाऊंगी।सहेली नचवाऊंगी।अंबे रानी को बुलवाऊंगी पड़ोसी नचवाऊंगी।शेरावाली को बुलाऊंगी, पड़ोसी नचवाऊंगी।

पिया को भेजूंगी सदर बाजार में। उनसे मंगाऊंगी सोलह सिंगार में।पिया को भेजूंगी सदर बाजार में। उनसे मंगाऊंगी सोलह सिंगार में। मां को बिंदिया लगाऊंगी, अपने हाथों से सजाऊंगीपड़ोसी नचवाऊंगी।अंबे रानी को बुलवाऊंगी पड़ोसी नचवाऊंगी।शेरावाली को बुलाऊंगी, पड़ोसी नचवाऊंगी।

मां मेरी जिस रूप में आई, भक्तों पर अपनी कृपा बरसाईमां मेरी जिस रूप में आई, भक्तों पर अपनी कृपा बरसाई। घर को मंदिर बनाऊंगी मां को कीर्तन सुनाऊंगी।पड़ोसी नचवाऊंगी।अंबे रानी को बुलवाऊंगी पड़ोसी नचवाऊंगी।शेरावाली को बुलाऊंगी, पड़ोसी नचवाऊंगी।

सोनी का मान मैया जी बढ़ाए, जब भी पुकारू दौड़ी चली आए।सोनी का मान मैया जी बढ़ाए, जब भी पुकारू दौड़ी चली आए। जयकारा लगाऊंगी।पड़ोसी नचवाऊंगी।अंबे रानी को बुलवाऊंगी पड़ोसी नचवाऊंगी।शेरावाली को बुलाऊंगी, पड़ोसी नचवाऊंगी।

शेरावाली को बुलाऊंगी, पड़ोसी नचवाऊंगी।अंबे रानी को बुलवाऊंगी पड़ोसी नचवाऊंगी।पड़ोसी नचवाऊंगी।सहेली नचवाऊंगी।अंबे रानी को बुलवाऊंगी पड़ोसी नचवाऊंगी।शेरावाली को बुलाऊंगी, पड़ोसी नचवाऊंगी।

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