हे माये अहा जगतरानी छी,
ते जानी शरण में आ ही गेलों।हे माये अहा जगतरानी छी,ते जानी शरण में आ ही गेलों।हे माये अहा जगतरानी छी,
ते जानी शरण में आ ही गेलों।हे माये अहा जगतरानी छी,ते जानी शरण में आ ही गेलों।
कछु धरम करम के ले समनाहिं
नहिं ज्ञान कतो हम बौरेछी।कछु धरम करम के ले समनाहिं
नहिं ज्ञान कतो हम बौरेछी।अहि तन सो नहीं किछु कर सकलोह ,सेवा में मात लगौ रहेछी।
अहि तन सो नहीं किछु कर सकलोह ,सेवा में मात लगौ रहेछी।हे माये अहा जगतरानी छी,
ते जानी शरण में आ ही गेलों।
अपराध क्षमा कर त्राण करु
हे माये शरण में आ भी गैलो। लय दर्शन जीवन धन्य करूं, यही आशा मात लगा रहीच्छी।हे माये अहा जगतरानी छी,
ते जानी शरण में आ ही गेलों।हे माये अहा जगतरानी छी,
ते जानी शरण में आ ही गेलों।