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Navratri mantra by kanhaiya mittal, नवरात्रि मंत्र

नवरात्रि मंत्र

प्रथमम शैलपुत्री द्वितीयम ब्रह्मचारिणी। तृतीयम चंद्र घंटे दी, कुष्मांडा दी चतुर्थकम। पंचमम स्कंदमाते दी, षष्ठम कात्यायनीते ज। सप्तनम कालरात्रि दी, महागौरी दी अष्ठम। नवम सिद्धिदात्रि च, नवदुर्गा प्रकृति ताह। उकता नेतानी नामानी ब्राह्ममेंण महात्माना।

या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तये नमस्तसये नमस्तसये नमो नमः

या देवी सर्वभूतेषु ब्रह्मचारीनी रूपेण संस्थिता।नमस्तये नमस्तसये नमस्तसये नमो नमः

या देवी सर्वभूतेषु चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।नमस्तये नमस्तसये नमस्तसये नमो नमः

या देवी सर्वभूतेषु कुसमांडा रूपेण संस्थिता।नमस्तये नमस्तसये नमस्तसये नमो नमः

या देवी सर्वभूतेषु स्कंधमाता रूपेण संस्थिता।नमस्तये नमस्तसये नमस्तसये नमो नमः

या देवी सर्वभूतेषु कात्यायनी रूपेण संस्थिता।नमस्तये नमस्तसये नमस्तसये नमो नमः

या देवी सर्वभूतेषु कालरात्रि रूपेण संस्थिता।नमस्तये नमस्तसये नमस्तसये नमो नमः

या देवी सर्वभूतेषु महागौरी रूपेण संस्थिता।नमस्तये नमस्तसये नमस्तसये नमो नमः

या देवी सर्वभूतेषु सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।नमस्तये नमस्तसये नमस्तसये नमो नमः

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