तेरी जमी तेरा सारा जहां, तू ही जीवन में लाए उजाला। तेरी कृपा से ही सांझ सवेरा है मां। सृष्टि के संकट से रक्षण करे तू ही, बनके तु ज्योति से ज्वाला। चरणों में आए वह बन जाए योगी है मां। हे मां दुर्गे मां।हे मां दुर्गे मां।हे मां दुर्गे मां।हे मां दुर्गे मां।
हर वक्त गाए जो तेरे ही गुणगान, जीवन का सम्मान होकर रहे। गमों की आंधी में तेरा सहारा तू कश्ती किनारे पर आकर रहे। ऊंचे पहाड़ों में अंबर सितारों में, कण-कण में मां रूप तेरा दिखे। दुर्बल से बलवान बन जाए इंसान आशीष तेरा मिलता।हे मां दुर्गे मां।हे मां दुर्गे मां।हे मां दुर्गे मां।हे मां दुर्गे मां।
भीतर बसे तूं तो भए का समुंदर भी,है जीभ पे उसके आके रुके। धारण करे तू जो अवतार दुर्गा का, तूफान नतमस्तक होकर रुके। अर्पण करूं क्या मेरा हाथ खाली जो है मेरा अपना वह तेरा ही है। ममता की छाया बिना मांगे मिल जाए न्यारी है तेरी अदा।हे मां दुर्गे मां।हे मां दुर्गे मां।हे मां दुर्गे मां।हे मां दुर्गे मां।अर्पण करूं क्या मेरा हाथ खाली जो है मेरा अपना वह तेरा ही है। ममता की छाया बिना मांगे मिल जाए न्यारी है तेरी अदा।हे मां दुर्गे मां।हे मां दुर्गे मां।हे मां दुर्गे मां।हे मां दुर्गे मां।