ओम नमो चंडी महाचंडी चंडीके। दुष्ट दंडनी चंद मुंड हरे देवी, भंडासुर विखंडनी।
जय काली कराली कपाल धरे। मुनी संत ऋषि सब शरण पड़े।जय काली कराली कपाल धरे। मुनी संत ऋषि सब शरण पड़े। तेरे कंठ में मुंड विराट रहे। कर खड़क महा विकराल धरे। मंगल वरदान प्रदान करें।जय काली कराली कपाल धरे।जय काली कराली कपाल धरे। मुनी संत ऋषि सब शरण पड़े।
सती रूप में तुम दक्षाणी बनी। गौरा बन शिव पटरानी बनी।सती रूप में तुम दक्षाणी बनी। गौरा बन शिव पटरानी बनी। बन काल महासंग्राम करो। मेरी मां तुम जग उद्धार करो।जय काली कराली कपाल धरे।जय काली कराली कपाल धरे। मुनी संत ऋषि सब शरण पड़े।
भैरव हनुमत तेरे आगे चले। तेरे तेज से चंद्र व सूर्य पले।भैरव हनुमत तेरे आगे चले। तेरे तेज से चंद्र व सूर्य पले। खल मुंड का तु सिंगार करे। लघु रक्त बीज का पान करें।जय काली कराली कपाल धरे।जय काली कराली कपाल धरे। मुनी संत ऋषि सब शरण पड़े।
जय काली कराली कपाल धरे। मुनी संत ऋषि सब शरण पड़े।जय काली कराली कपाल धरे। मुनी संत ऋषि सब शरण पड़े।