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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Jabse nain lade girdhar se meri akal gayi bauray,जब से नैन लड़े गिरधर से मेरी अकल गयी बौराए,krishna bhajan

जब से नैन लड़े गिरधर से मेरी अकल गयी बौराए

जब से नैन लड़े गिरधर से
मेरी अकल गयी बौराए
जाने कैसा जादू डाला
चारो और नज़र वो खुमाये


वृन्दावन की कुञ्ज गलियन में
जब से देखा नन्द का लाला
मेरी अँखियाँ आगे डोले’
उसका मुखड़ा भोला भाला
उसके मतवारे नैनो
मेरे दिल को लिया चुराएजब से नैन लड़े गिरधर से,मेरी अकल गयी बौराए।




उसकी देख के सुरत प्यारी
मेरी मति गयी है मारी
उसने मारी नयन कतरी
आईसी मारी नयन कतर
दार दर डोलू मरी मरी
आईसा दर्द दिया है दिल को
हरदुम मुख से निकले है।जब से नैन लड़े गिरधर से,मेरी अकल गयी बौराए




मेरी सुधबुध सब बिसराके
मेरे दिल को रोग लगके
मोहे एक झलक दिखलाके
जने कहा छिपा है जाक
उसकी याद में मेरी अँखियां
हरपाल ऑंसू रही बहाए।जब से नैन लड़े गिरधर से,मेरी अकल गयी बौराए।




रो रो सारी रात बिताऊ
किसको मैं की व्यथा सुनाऊ
काइसे धीरज धरु रविंदर
काइसे इस दिल को समझो
मै तो होगयी रे बावरिया
उसके बिना रहा नहीं जाए।जब से नैन लड़े गिरधर से
मेरी अकल गयी बौराए।

जब से नैन लड़े गिरधर से
मेरी अकल गयी बौराए
जाने कैसा जादू डाला
चारो और नज़र वो खुमाये।

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