दोहा, टेढ़ो सर पे मुकुट विराजे, टेढ़ी तेरी चाल, टेढ़ी तेरी बांकी अदा, मेरा ले गई चैन करार ।
तेरी तिरछी नज़र ने, क्या जादू किया।मेरे बस में रहा,नहीं मेरा जिया।तेरी तिरछी नज़र ने, क्या जादू किया।मेरे बस में रहा,नहीं मेरा जिया।
तेरी बांकी अदा पे,फ़िदा हम हुए,
तू बता अब,बिना तेरे कैसे जिए,
तेरी बंसी धुन ने, है पागल किया। मेरे बस में रहा, नहीं मेरा जिया।मेरे बस में रहा, नहीं मेरा जिया।तेरी तिरछी नज़र ने, क्या जादू किया।मेरे बस में रहा,नहीं मेरा जिया।
तेरे काले कटीले,ये कजरारे नैन।लूट कर ले गए है,मेरे दिल का चैन।तेरी मुस्कान ने, मुझको घायल किया। मेरे बस में रहा, मेरे बस में रहा,
नहीं मेरा जिया।तेरी तिरछी नज़र ने, क्या जादू किया।मेरे बस में रहा,नहीं मेरा जिया।
पूछे ‘मीनाक्षी’ कान्हा, बता दे मुझे। काहे मुझ पे तरस, क्यों ना आए तुझे। कैसा जादू चला के, मेरा मन मोह लिया।मेरे बस में रहा, नहीं मेरा जिया, मेरे बस में रहा, नहीं मेरा जिया ।तेरी तिरछी नज़र ने, क्या जादू किया।मेरे बस में रहा,नहीं मेरा जिया।