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श्याम भजन लिरिक्स

Tera dar mera ghar,तेरे दर को ही घर माना मैने अपना सांवरिया,shyam bhajan

तेरे दर को ही घर माना,मैने अपना सांवरिया।

एक लड़की का घर नहीं होता,होता पीहर सासरिया।तेरे दर को ही घर माना,मैने अपना सांवरिया।तेरे दर को ही घर माना,मैने अपना सांवरिया।तेरे दर को ही घर माना,मैने अपना सांवरिया।

जिनसे जन्म मिला है मुझको, वही पराया हते है।एक लड़की के भाग्य में बाबा क्यों इतने दुख रहते हैं।जिनसे जन्म मिला है मुझको, वही पराया कहते है।एक लड़की के भाग्य में बाबा क्यों इतने दुख रहते हैं।मैने सुना बेटों से ज्यादा पिता को प्यारी बेटियां।तेरे दर को ही घर माना,मैने अपना सांवरिया।तेरे दर को ही घर माना,मैने अपना सांवरिया।

छोड़ दिया बाबुल का अंगना साजन का घर अपनाया।कौन है मेरा क्या है मेरा समझ नही कुछ भी आया।छोड़ दिया बाबुल का अंगना साजन का घर अपनाया।कौन है मेरा क्या है मेरा समझ नही कुछ भी आया।वो घर लेकर भी तूने क्यों एक घर मुझको न दिया।तेरे दर को ही घर माना,मैने अपना सांवरिया।तेरे दर को ही घर माना,मैने अपना सांवरिया।

और किसी से कह नही पाऊं तुमसे दिल की कहती हूं।तुमको तो मालूम है बाबा में जिस हाल में रहती हूं।और किसी से कह नही पाऊं तुमसे दिल की कहती हूं।तुमको तो मालूम है बाबा में जिस हाल में रहती हूं।हे सचिन बेटी ने हंस के सारे गम को सह लिया।तेरे दर को ही घर माना,मैने अपना सांवरिया।तेरे दर को ही घर माना,मैने अपना सांवरिया।

एक लड़की का घर नहीं होता,होता पीहर सासरिया।तेरे दर को ही घर माना,मैने अपना सांवरिया।तेरे दर को ही घर माना,मैने अपना सांवरिया।तेरे दर को ही घर माना,मैने अपना सांवरिया।

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