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pitarji bhajan, पितर जी भजन

Pitar padharo mhare aangniya,पितर पधारो म्हारे आंगणिया,pitar ji bhajan

पितर पधारो म्हारे आंगणिया,

तर्ज, म्हारी घूमर छे नखराली

थार पग पग फुलडा बिछावे म्हारी माई,
पितर पधारो म्हारे आंगणिया,
पितर पधारो म्हारे आंगणिया।।




कपिला गाय को गोबर मँगावा,
जा बिच अँगणा लेप करास्या,
यो तो मोतियन चौक पुराव म्हारी माई,
पितर पधारो म्हारे आँगणिया।थार पग पग फुलडा बिछावे म्हारी माई,
पितर पधारो म्हारे आंगणिया,
पितर पधारो म्हारे आंगणिया।।




गंगा जी से जल मँगवास्या,
पितरा न स्नान करास्या,
थन पाँचो ही कपडा पहराव थारी माय,
पितर पधारो म्हारे आँगणिया।।
कपिला गाय को दुध मँगवास्या,
उजली उजली खीर बनवास्या,
थार भोग त लगाव देख थारी थारी माय,
पितर पधारो म्हारे आँगणिया।थार पग पग फुलडा बिछावे म्हारी माई,
पितर पधारो म्हारे आंगणिया,
पितर पधारो म्हारे आंगणिया।।




धन चौदस की रात जगास्या,
पितरा न पाट बैठास्या,
थाक भजन कराव देखो थाकी थाकी माय,
पितर पधारो म्हारे आँगणिया।थार पग पग फुलडा बिछावे म्हारी माई,
पितर पधारो म्हारे आंगणिया,
पितर पधारो म्हारे आंगणिया।।




थार पग पग फुलडा बिछावे म्हारी माई,
पितर पधारो म्हारे आंगणिया,
पितर पधारो म्हारे आंगणिया।थार पग पग फुलडा बिछावे म्हारी माई,
पितर पधारो म्हारे आंगणिया,
पितर पधारो म्हारे आंगणिया।।

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