तर्ज, म्हारे सिर पर है बाबा जी रो हाथ
ओ म्हारे घर में है, पितरांजी को वास,
पूरो है विश्वास, पितर जी म्हारा करेगा भली ।।पितर जी म्हारा करेगा भली ।पितर जी म्हारा करेगा भली ।ओ म्हारे घर में है, पितरांजी को वास,पूरो है विश्वास, पितर जी म्हारा करेगा भली ।।
म्हारे कुटुम्ब का मुखिया है ये, म्हें हां थांका टाबर।सुख में दुःख में रात में दिन में, म्हाने सम्भाले आके।म्हारे कुटुम्ब का मुखिया है ये, म्हें हां थांका टाबर।सुख में दुःख में रात में दिन में, म्हाने सम्भाले आके।
ओ रहवे, पित्तर जी म्हारे आस-पास, पूरो है विश्वास,पितर जी म्हारा करेगा भली ।।ओ म्हारे घर में है, पितरांजी को वास,
पूरो है विश्वास, पितर जी म्हारा करेगा भली ।।
चौदस को दिन है पितरां को, प्रेम स ज्योत जगावां।भूल-चूक की माफी माँगा, झुक झुक धोक लगावां।चौदस को दिन है पितरां को, प्रेम स ज्योत जगावां।भूल-चूक की माफी माँगा, झुक झुक धोक लगावां।
ओ म्हारे, मन की पुरावें सदा आस, पूरो है विश्वास,पितर जी म्हारा करेगा भली ।।ओ म्हारे घर में है, पितरांजी को वास,
पूरो है विश्वास, पितर जी म्हारा करेगा भली ।।
पितर जी की महर से म्हें तो, मौज करां दिन रात।कहे ‘मोहित’ पितर जी को है, म्हारे सिर पे हाथ।पितर जी की महर से म्हें तो, मौज करां दिन रात।कहे ‘मोहित’ पितर जी को है, म्हारे सिर पे हाथ।ओ म्हाने, होवे सदा यो अहसास, पूरो है विश्वास,पितर जी म्हारा करेगा भली ।।ओ म्हारे घर में है, पितरांजी को वास,
पूरो है विश्वास, पितर जी म्हारा करेगा भली ।।