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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

kunkupatri by rahul ramawat,कुमकुंपत्री रे या तो प्रेम पतरी,krishna bhajan

कुमकुंपत्री रे या तो प्रेम पतरी।

झूठी यह दुनिया भूल गई मैं ,क्या जादू किया है तुमने सांवरे। चलते चलते जब फिसल गई में, तब तूने संभाल मुझको सांवरे। तु जाए जहां मैं चल दूं वहां, मन थारे बिना नहीं लागेथारी बंसी री धुन में कान्हा में झूमती जाऊं रे। सांवरिये रा नाम हजार में कईयां लिखूं कुमकुंपत्री।कुमकुंपत्री रे या तो प्रेम पतरी।।कुमकुंपत्री रे या तो प्रेम पतरी।सांवरिये रा नाम हजार में कईयां लिखूं कुमकुंपत्री।सांवरिये रा नाम हजार में कईयां लिखूं कुमकुंपत्री।

मोह माया की गलियों में जब, याद किया है तुझको सांवरे। तन मन धन सब भूल गई में,क्या जादू किया है तुमने सांवरे। तुम जीत हो तुम हार हो, तुम हृदय में चलती सांस हो। मुझे चरणों में बसा लो।सांवरिये रा नाम हजार में कईयां लिखूं कुमकुंपत्री।सांवरिये रा नाम हजार में कईयां लिखूं कुमकुंपत्री।।कुमकुंपत्री रे या तो प्रेम पतरी।।कुमकुंपत्री रे या तो प्रेम पतरी।सांवरिये रा नाम हजार में कईयां लिखूं कुमकुंपत्री।सांवरिये रा नाम हजार में कईयां लिखूं कुमकुंपत्री।सांवरिये रा नाम हजार में कईयां लिखूं कुमकुंपत्री।सांवरिये रा नाम हजार में कईयां लिखूं कुमकुंपत्री।

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