हृदय आनन्द भर बोलो-बधाई है, बधाई है।
हमारे भाग्य हैं जागे, जो लाली घर में आई है।
धन्य वृषभानुपुर सुन्दर, धन्य वृषभानु नृप मन्दिर।
धन्य वह कक्ष मंगलकर, अजन्मा जहाँ आई है॥ हृदय आनन्द भर बोलो-बधाई है, बधाई है।
हमारे भाग्य हैं जागे, जो लाली घर में आई है।
शुभ सित पक्ष भादौं मास, शुभ अति अष्टमी सुख रास।शुभ नक्षत्र अभिजित खास, जिन में राधा जाई है॥ हृदय आनन्द भर बोलो-बधाई है, बधाई है।हमारे भाग्य हैं जागे, जो लाली घर में आई है।
काम की कालिमा हर कर, प्रेम की छबि प्रकाशित कर।रस-सुधा से विषय-विष हर, प्रेम की बाढ़ छाई है॥ हृदय आनन्द भर बोलो-बधाई है, बधाई है।हमारे भाग्य हैं जागे, जो लाली घर में आई है।
खोलकर नेह के झरने, सुखी निज श्यामको करने।हृदय आनन्द से भरने, स्वयं श्यामा जु आई है॥ हृदय आनन्द भर बोलो-बधाई है, बधाई है।हमारे भाग्य हैं जागे, जो लाली घर में आई है।
हृदय है यह कन्हैया की, प्राण है यह कन्हैया की।आत्मा यह कन्हैया की, सुधा बरसाती आई है॥ हृदय आनन्द भर बोलो-बधाई है, बधाई है।
हमारे भाग्य हैं जागे, जो लाली घर में आई है।
एक ही दो बने हैं जो, दो रहकर एक ही हैं सो।
रसास्वादन कराने को, रस की सरिता आई है॥ हृदय आनन्द भर बोलो-बधाई है, बधाई है।
हमारे भाग्य हैं जागे, जो लाली घर में आई है।
पुकारो-भानु नृप की जय, मैया कीर्ति की जय-जय।हुआ दम्पति का भाग्योदय, जिन की कन्या कहाई है॥ हृदय आनन्द भर बोलो-बधाई है, बधाई है।हमारे भाग्य हैं जागे, जो लाली घर में आई है।