तर्ज,मोरिया रे झट चौमासो आयो रे
कोई राधा प्यारी अरज करे, कोई सुण ज्यो कृष्ण मुरार। ब्रजरा मोरिया रे, घनश्याम मिलादो रे ।म्हाने राम मिलादो रे ।कोई राधा प्यारी अरज करे, कोई सुण ज्यो कृष्ण मुरार। ब्रजरा मोरिया रे, घनश्याम मिलादो रे ।म्हाने राम मिलादो रे ।
पहला मिला दो माने नन्द जी रे।पहला मिला दो माने नन्द जी रे। मोरिया कोई दूजी यसोदा मात। ब्रजरा मोरिया रे, म्हाने राम मिलादो रे ।घनश्याम मिलादो रे । कोई राधा प्यारी अरज करे, कोई सुण ज्यो कृष्ण मुरार। ब्रजरा मोरिया रे, घनश्याम मिलादो रे ।म्हाने राम मिलादो रे ।
तीसरी मिला दो माने गोपियाँ रे।तीसरी मिला दो माने गोपियाँ रे। मोरिया कोई चौथा ब्रजरा बाल । ब्रजरा मोरिया रे, म्हाने राम मिलादो रे ।घनश्याम मिलादो रे । कोई राधा प्यारी अरज करे, कोई सुण ज्यो कृष्ण मुरार। ब्रजरा मोरिया रे, घनश्याम मिलादो रे ।म्हाने राम मिलादो रे ।
गुरुजी मिल्या रविदास जी रे।गुरुजी मिल्या रविदास जी रे। मोरिया कोई सांचो दिनो उपदेश ।ब्रजरा मोरिया रे,म्हाने राम मिलादो रे ,घनश्याम मिलादो रे।कोई राधा प्यारी अरज करे, कोई सुण ज्यो कृष्ण मुरार। ब्रजरा मोरिया रे, घनश्याम मिलादो रे ।म्हाने राम मिलादो रे ।।