कान्हा कैसी की चतुराई रे,मेरे नहीं समझ में आई रे।कान्हा कैसी की चतुराई रे,मेरे नहीं समझ में आई रे।
तूने मथुरा नगरी में जन्म लिया। तेरे एक पिता दो माएँ हुई।तूने मथुरा नगरी में जन्म लिया। तेरे एक पिता दो माएँ हुई। गोकुल में बंटी बधाई रे, मेरे नहीं समझ में आई रे।कान्हा कैसी की चतुराई रे,मेरे नहीं समझ में आई रे।
तूने ग्वाल बाल का साथ लिया। तूने काले नाग को नाथ लिया ।तूने ग्वाल बाल का साथ लिया। तूने काले नाग को नाथ लिया ।जमुना पर गऊवां चटाई रे मेरे नहीं समझ में आई रे।कान्हा कैसी की चतुराई रे,मेरे नहीं समझ में आई रे।
तूने राधा का मन मोह लिया। तूं घट घट अंदर समा गया।तूने राधा का मन मोह लिया। तूं घट घट अंदर समा गया। तूने कैसी प्रीत निभाई रे। मेरे नहीं समझ में आई रे।कान्हा कैसी की चतुराई रे,मेरे नहीं समझ में आई रे।
तू मथुरा नगरी चल पड़ा। मामा का बेटी बन गया ।तू मथुरा नगरी चल पड़ा। मामा का बेटी बन गया ।मां बाप की जेल छुड़ाई रे। मेरे नहीं समझ में आई रे।कान्हा कैसी की चतुराई रे,मेरे नहीं समझ में आई रे।
तूने यार सुदामा बना लिया। तूने नगरी अपनी बुला लिया।तूने यार सुदामा बना लिया। तूने नगरी अपनी बुला लिया। मलमल के पैर धुलाई रे, मेरे नहीं समझ में आई रे।कान्हा कैसी की चतुराई रे,मेरे नहीं समझ में आई रे।
कान्हा कैसी की चतुराई रे,मेरे नहीं समझ में आई रे।कान्हा कैसी की चतुराई रे,मेरे नहीं समझ में आई रे।