तर्ज – आज मेरे यार की शादी है
नन्द बाबा के, नन्द भवन में,आनंद छायो है,
नन्द के लाला आयो है,नन्द के लाला आयो है,
नन्द बाबा के, नन्द भवन में,आनंद छायो है,
नन्द के लाला आयो है,नन्द के लाला आयो है।
बजे ढोल मृदंग झाँझ ढप्प, बाज रही शहनाई,
प्रकटे गोकुल में गोविंदा,घर घर बजी बधाई,
पार ब्रह्म पूर्ण परमेश्वर,दरस दिखायो है।
नन्द के लाला आयो है। नन्द बाबा के, नन्द भवन में,आनंद छायो है,
नन्द के लाला आयो है,नन्द के लाला आयो है।
बरस रहा है केसर चन्दन,बरस रही रस धारा,
जय गोविंदा, जय गोपाला,गूँज रहा जयकारा,
झूम झूम कर, नाँच नाँच कर,नन्द के लाला आयो है। नन्द बाबा के, नन्द भवन में,
आनंद छायो है,नन्द के लाला आयो है,
नन्द के लाला आयो है।
नन्द यसोदा नहीं समाते,आज ख़ुशी के मारे,
नन्द भवन में लूट पड़ी है,लूट रहे हैं सारे,
तू भी लूट ले आज “मधुप हरी” लूट मचायो है,
नन्द के लाला आयो है। नन्द बाबा के, नन्द भवन में,आनंद छायो है,
नन्द के लाला आयो है,नन्द के लाला आयो है।
नन्द के आनंद भयोजय कन्हैया लाल की,
जय कन्हैया लाल की,जय हो गोपाल की,
नन्द के आनंद भयो,जय कन्हैया लाल की,
जय कन्हैया लाल की,जय हो गोपाल की,
हाथी दीने घोड़ा दीनेऔर दीने पालकी,
बधाई हो, बधाई हो, बधाई हो,
जय राधे राधे।
नन्द बाबा के, नन्द भवन में,आनंद छायो है,
नन्द के लाला आयो है,नन्द के लाला आयो है,
नन्द बाबा के, नन्द भवन में,आनंद छायो है,
नन्द के लाला आयो है,नन्द के लाला आयो है।