शंभू शंभू शंभू शंभू, आसमा ये धरती तारे सब तेरी ही लीला है। विष का पान किया तूने यह कंठ तुम्हारा नीला है। हे शिवाय शंभू जग की डोर तेरे पास है। तेरा सब जगह ही वास है। तेरा करके ही प्रकाश है, हवाएं जल भी तुझ से, तू चलाता सबकी सांस है।तेरा सब जगह ही वास है। तेरा करके ही प्रकाश है, हवाएं जल भी तुझ से, तू चलाता सबकी सांस है।
देवों का तू देव तेरी शक्ति अपार है। तेरे जैसा ना कोई तीनो लोक में महान है। भोलेनाथ दीनानाथ करता तू उद्धार है। नमः शिवाय भोलेनाथ हमको तुमसे प्यार है।हमको तुमसे प्यार है। हम पर कृपा कर दो हम सब तेरे दास है।तेरा सब जगह ही वास है। तेरा करके ही प्रकाश है, हवाएं जल भी तुझ से, तू चलाता सबकी सांस है।तेरा सब जगह ही वास है। तेरा करके ही प्रकाश है, हवाएं जल भी तुझ से, तू चलाता सबकी सांस है।
कैलाश पर भोले शंभू तेरा ही वास है। जहां भी मैं जाऊं भोले तू ही आसपास है। हे शिव शंभू तेरी ही रजा से होती सुबह शाम है। तुझको निस दिन पूजू बाबा यही तो मेरा काम है।यही तो मेरा काम है। केदारनाथ में बोले तेरा ही आवास है।तेरा सब जगह ही वास है। तेरा करके ही प्रकाश है, हवाएं जल भी तुझ से, तू चलाता सबकी सांस है।तेरा सब जगह ही वास है। तेरा करके ही प्रकाश है, हवाएं जल भी तुझ से, तू चलाता सबकी सांस है।
आरंभ भी तू और अंत भी तू, देवों का देव महादेव भी तु। त्रिनेत्र धारी है भंडारी सब का पालनहार तू। शंभू नाथ दीनानाथ कर दे बेड़ा पार तु। तीनो लोक का मालिक तू नाथों का नाथ है।तेरा सब जगह ही वास है। तेरा करके ही प्रकाश है, हवाएं जल भी तुझ से, तू चलाता सबकी सांस है।तेरा सब जगह ही वास है। तेरा करके ही प्रकाश है, हवाएं जल भी तुझ से, तू चलाता सबकी सांस है।