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shadi geet

Jo bahuo ke gun gati hai wo sasu mauj udati hai,जो बहूओ के गुण गाती है, वह सासु मौज उडाती है

जो बहूओ के गुण गाती है, वह सासु मौज उडाती है

जो बहूओ के गुण गाती है, वह सासु मौज उडाती है।वह सासु मौज उडाती है।वह सासु मौज उडाती है।जो बहूओ के गुण गाती है, वह सासु मौज उडाती है

तर्ज, जो राम की गली गया नहीं

बिस्तर पर खाना गरम मिले,बिस्तर पर खाना गरम मिले, और चाय मिले उन्हें हाथों में फिर चाय की चुस्की ले लेकर वह मंद मंद मुस्काती है।जो बहूओ के गुण गाती है, वह सासु मौज उडाती है।जो बहूओ के गुण गाती है, वह सासु मौज उडाती है

बहु ऐसी है बहू वैसी है।बहु ऐसी है बहू वैसी है। और बहू नाम की माला जपे बहु सुनकर खुश हो जाती है, सासू उनसे पैर दबवाती हैजो बहूओ के गुण गाती है, वह सासु मौज उडाती है।जो बहूओ के गुण गाती है, वह सासु मौज उडाती है

दिल में नफरत मुंह में फितरत।दिल में नफरत मुंह में फितरत। और प्यार से बहू बुलाती है। बहु उनको पहले खिलाती है, और खुद भूखी सो जाती हैजो बहूओ के गुण गाती है, वह सासु मौज उडाती है।जो बहूओ के गुण गाती है, वह सासु मौज उडाती है

जो बहूओ के गुण गाती है, वह सासु मौज उडाती है।वह सासु मौज उडाती है।वह सासु मौज उडाती है।जो बहूओ के गुण गाती है, वह सासु मौज उडाती है

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