तुम मोर मुकुट कित भूल हो कान्हा कर लो ना याद।तुम मोर मुकुट कित भूल हो कान्हा कर लो ना याद।
पिंडारे नहावन गए थे रे रुक्मण पांडवों के साथ।पिंडारे नहावन गए थे रे रुक्मण पांडवों के साथ। मैंने उनके पिंड बनवाये रे रुक्मण तीर्थ के घाट।उड़े भी मोर मुकुट था रे रुक्मण से मेरे याद।तुम मोर मुकुट कित भूल हो कान्हा कर लो ना याद।तुम मोर मुकुट कित भूल हो कान्हा कर लो ना याद।
कुरुक्षेत्र नहावन गए थे रे रुक्मण पांडवों के साथ। मैंने गीता ज्ञान सुनाया रे रुक्मण पांडवों के साथ।उड़े भी मोर मुकुट था रे रुक्मण से मेरे याद।तुम मोर मुकुट कित भूल हो कान्हा कर लो ना याद।तुम मोर मुकुट कित भूल हो कान्हा कर लो ना याद।
मीरा के देश गए थे रे रुक्मण खड़ी थी उदास। राणा का घमंड तोड़ के रे रुक्मण कर आए भाल।उड़े भी मोर मुकुट था रे रुक्मण से मेरे याद।तुम मोर मुकुट कित भूल हो कान्हा कर लो ना याद।तुम मोर मुकुट कित भूल हो कान्हा कर लो ना याद।
नरसी के देश गए थे रे रुक्मण खड़ी थी उदास। मैंने उसका मान बढ़ाया रे रुक्मण भर आया भात।उड़े भी मोर मुकुट था रे रुक्मण से मेरे याद।तुम मोर मुकुट कित भूल हो कान्हा कर लो ना याद।तुम मोर मुकुट कित भूल हो कान्हा कर लो ना याद।
द्रोपदी के देश गए थे रे रुक्मण खड़ी थी उदास। मैंने उसका चिर बढ़ाया रे रुक्मण रखी थी लॉज।उड़े भी मोर मुकुट था रे रुक्मण से मेरे याद।तुम मोर मुकुट कित भूल हो कान्हा कर लो ना याद।तुम मोर मुकुट कित भूल हो कान्हा कर लो ना याद।
धन्ना के देश गए थे रे रुक्मण खड़ी थी उदास। मैंने उसका बीज बुवाया रे रुक्मण रखा था मान।उड़े भी मोर मुकुट था रे रुक्मण से मेरे याद।तुम मोर मुकुट कित भूल हो कान्हा कर लो ना याद।तुम मोर मुकुट कित भूल हो कान्हा कर लो ना याद।
बरसाने देश गया था रे रुक्मण राधा के पास। साल्यां ने मुकुट लकोया रे रुक्मण करके मजाक।साल्यां ने खूब खिलाया रे रुक्मण करके मजाक। मेरा उड़े मोर मुकुट से र रुक्मण आया मेरे याद।बरसाने मोर मुकुट से र रुक्मण आया मेरे याद।साल्यां पे मोर मुकुट से र रुक्मण आया मेरे याद।
तुम मोर मुकुट कित भूल हो कान्हा कर लो ना याद।तुम मोर मुकुट कित भूल हो कान्हा कर लो ना याद।