तर्ज, तेरी मेरी एक जिंदडी
आओ गणपति देवा तेरे मिलकर गुण गावा।आओ गणपति देवा तेरे मिलकर गुण गावा। रिद्धि सिद्धि के स्वामी तेरे में सदके जावा। आज सभा में तुम्हें मनावा लड्डूवन भोग लगावा। रुखा सुखा जो भी दाता तेरे भेंट चढ़ावा। पधारो शिवनंदना , करा में थारी बंदना।पधारो शिवनंदना , करा में थारी बंदना।
एक दांत और दयावंत हो चारभुजा धारी। माथे पर सिंदूर विराजे मुंसे असवारी। माता गौरा और शिव जी ने संग में बुलावा। पान सुपारी भेंट चढ़ावा मोदक भोग लगवा।पधारो शिवनंदना , करा में थारी बंदना।पधारो शिवनंदना , करा में थारी बंदना।
अंधे को देते हो आंखे कोढियांन को काया। बाँझन को देते हो बालक निर्धनों को माया। लाज हमारी रख लो देवा तेरा दर्शन पावा। आज सभा में तुम्हें मनावा तेरा दर्शन पावा।पधारो शिवनंदना , करा में थारी बंदना।पधारो शिवनंदना , करा में थारी बंदना।
आओ गणपति देवा तेरे मिलकर गुण गावा।आओ गणपति देवा तेरे मिलकर गुण गावा। रिद्धि सिद्धि के स्वामी तेरे में सदके जावा। आज सभा में तुम्हें मनावा लड्डूवन भोग लगावा। रुखा सुखा जो भी दाता तेरे भेंट चढ़ावा। पधारो शिवनंदना , करा में थारी बंदना।पधारो शिवनंदना , करा में थारी बंदना।
आज सभा में तुम्हें मनावा लड्डूवन भोग लगावा। रुखा सुखा जो भी दाता तेरे भेंट चढ़ावा। पधारो शिवनंदना , करा में थारी बंदना।पधारो शिवनंदना , करा में थारी बंदना।