ओम त्रयंबकम यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम उर्वारुकमिव वंदना मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
शंभो,शंभो,शंभो,शंभो,शंभो, मन में मेरे चाह बाबा केदारा आने की है। एक तेरे हुक्म की तो देर थोड़ी बाकी है। आऊंगा एक दिन में बाबा वादा है तुझ से मेरा। आऊंगा जिस दिन भी बाबा तेरा ही हो जाऊंगा।मन में मेरे चाह बाबा केदारा आने की है। एक तेरे हुक्म की तो देर थोड़ी बाकी है।शंभो,शंभो,शंभो,शंभो,शंभो,
शंभू शंभू करते-करते नाथ मैं तो थक गया। अब तुम मुझको ले बुला में दास तेरा बन गया। तेरे ही विश्वास पे केदार चढ़कर आऊंगा। है महेश्वर नाथ दिल को चैन तभी पाऊंगा।मन में मेरे चाह बाबा केदारा आने की है। एक तेरे हुक्म की तो देर थोड़ी बाकी है।शंभो,शंभो,शंभो,शंभो,शंभो,
गंगा है सर पर तेरे सांपों की माला है तेरे। कंठ में है विष तेरे मस्तक पर चंदा है तेरे।गंगा है सर पर तेरे सांपों की माला है तेरे। कंठ में है विष तेरे मस्तक पर चंदा है तेरे। तुझसे ही सब है शुरु तुझपे ही आकर खत्म है। तुझसे ही सांस मेरी तुझसे ही तन में प्राण है।मन में मेरे चाह बाबा केदारा आने की है। एक तेरे हुक्म की तो देर थोड़ी बाकी है।शंभो,शंभो,शंभो,शंभो,शंभो,
मन में मेरे चाह बाबा केदारा आने की है। एक तेरे हुक्म की तो देर थोड़ी बाकी है। आऊंगा एक दिन में बाबा वादा है तुझ से मेरा। आऊंगा जिस दिन भी बाबा तेरा ही हो जाऊंगा।मन में मेरे चाह बाबा केदारा आने की है। एक तेरे हुक्म की तो देर थोड़ी बाकी है।शंभो,शंभो,शंभो,शंभो,शंभो,