आई है सवारी मेरे महाकाल की। निकली कावड़िया मेरे भोलेनाथ की। भक्तों की टोली आई ,सावन की रुत यह छाई। स्वागत करेंगे सारे धूमधाम से।आई है सवारी मेरे महाकाल की। निकली कावड़िया मेरे भोलेनाथ की।आई है सवारी मेरे महाकाल की। निकली कावड़िया मेरे भोलेनाथ की।
सावन की शुभ यह घड़ी, भक्तों की टोली चली। उज्जैन नगरी सजी देखो सवारी चली।सावन की शुभ यह घड़ी, भक्तों की टोली चली। उज्जैन नगरी सजी देखो सवारी चली। ढोल नगाड़े बजे आए जय भोले आए। नंदी गन शोर मचाए राजा उज्जैन के आए। तीनों लोगों के राजा महाकाल जी।आई है सवारी मेरे महाकाल की। निकली कावड़िया मेरे भोलेनाथ की।आई है सवारी मेरे महाकाल की। निकली कावड़िया मेरे भोलेनाथ की।
आए शरण में तेरी लेकर कावड़ का कांधे। करते हैं पूजा तेरी तू ही सबसे अटल।आए शरण में तेरी लेकर कावड़ का कांधे। करते हैं पूजा तेरी तू ही सबसे अटल। तेरी सेवा में आए आए हम दर पर आए। लेकर गंगाजल आए, फूलों से तुझको सजाये। तुझको मनाने आए महाकाल जी।आई है सवारी मेरे महाकाल की। निकली कावड़िया मेरे भोलेनाथ की।आई है सवारी मेरे महाकाल की। निकली कावड़िया मेरे भोलेनाथ की।
आई है सवारी मेरे महाकाल की। निकली कावड़िया मेरे भोलेनाथ की। भक्तों की टोली आई ,सावन की रुत यह छाई। स्वागत करेंगे सारे धूमधाम से।आई है सवारी मेरे महाकाल की। निकली कावड़िया मेरे भोलेनाथ की।आई है सवारी मेरे महाकाल की। निकली कावड़िया मेरे भोलेनाथ की।