मैं हार गया जग से अब तुमको पुकारा है। दुनिया से सुना है तु हारे का सहारा है।हारे का सहारा है।मैं हार गया जग से अब तुमको पुकारा है।मैं हार गया जग से अब तुमको पुकारा है।
मैं रात अमावस की तुम सुख का सवेरा हो। तेरे बिन सुनता नहीं कोई दुख मेरा हो।मैं रात अमावस की तुम सुख का सवेरा हो। तेरे बिन सुनता नहीं कोई दुख मेरा हो। तु सुनता है सबकी मुझसे क्यों किनारा है।दुनिया से सुना है तु हारे का सहारा है।हारे का सहारा है।मैं हार गया जग से अब तुमको पुकारा है।मैं हार गया जग से अब तुमको पुकारा है।
यह कैसा बंधन है यह कैसा नाता है। हर पल तू यादों में आता है जाता है।यह कैसा बंधन है यह कैसा नाता है। हर पल तू यादों में आता है जाता है। तेरी सांवली सूरत को अब मन में उतारा है।दुनिया से सुना है तु हारे का सहारा है।हारे का सहारा है।मैं हार गया जग से अब तुमको पुकारा है।मैं हार गया जग से अब तुमको पुकारा है।
दुनिया की बातों पर दर तेरे आया हूं। सिर पर अब हाथ धरो में बहुत सताया हूं।दुनिया की बातों पर दर तेरे आया हूं। सिर पर अब हाथ धरो में बहुत सताया हूं। प्रवीण का तेरे बिन पल भर ना गुजारा है।दुनिया से सुना है तु हारे का सहारा है।हारे का सहारा है।मैं हार गया जग से अब तुमको पुकारा है।मैं हार गया जग से अब तुमको पुकारा है।
मैं हार गया जग से अब तुमको पुकारा है। दुनिया से सुना है तु हारे का सहारा है।हारे का सहारा है।मैं हार गया जग से अब तुमको पुकारा है।मैं हार गया जग से अब तुमको पुकारा है।