आए सपने में बांके बिहारी, ना होश मेरे होश में रहे।आए सपने में बांके बिहारी, ना होश मेरे होश में रहे। जाऊं सपने में उनको निहारी, इसीलिए खामोश में रही।आए सपने में बांके बिहारी, ना होश मेरे होश में रहे।
झूम-झूम मैं तो बस नाचती रही, कृष्ण कृष्ण कृष्ण बस कहती रही।झूम-झूम मैं तो बस नाचती रही, कृष्ण कृष्ण कृष्ण बस कहती रही। नजरों से बातें में करती गई, कृष्णा कृष्णा बस कहती गई। संग खेले मेरे रंगों की होली, की सखी मेरी रात हो गई।
आए सपने में बांके बिहारी, ना होश मेरे होश में रहे।आए सपने में बांके बिहारी, ना होश मेरे होश में रहे। जाऊं सपने में उनको निहारी, इसीलिए खामोश में रही।आए सपने में बांके बिहारी, ना होश मेरे होश में रहे।
आंखों में काजल हाथों में बंसी, मुकुट में मोर पंख, गालों पर लाली।आंखों में काजल हाथों में बंसी, मुकुट में मोर पंख, गालों पर लाली। देख प्यारी मुस्कान मैं तो बोली, श्याम की दीवानी हो गई।
आए सपने में बांके बिहारी, ना होश मेरे होश में रहे।आए सपने में बांके बिहारी, ना होश मेरे होश में रहे। जाऊं सपने में उनको निहारी, इसीलिए खामोश में रही।आए सपने में बांके बिहारी, ना होश मेरे होश में रहे।
सारी रात बृंदावन घूमती रही। कृष्णा कृष्णा कृष्णा बस कहती रही।सारी रात बृंदावन घूमती रही। कृष्णा कृष्णा कृष्णा बस कहती रही। बंसी जो बजाई ऐसी मुरली वाले ने। मैं नाच नाच नाच, बस नाचती रही। ऐसी देख मेरी लगन श्याम से किशोरी भी हैरान हो गई।
आए सपने में बांके बिहारी, ना होश मेरे होश में रहे।आए सपने में बांके बिहारी, ना होश मेरे होश में रहे। जाऊं सपने में उनको निहारी, इसीलिए खामोश में रही।आए सपने में बांके बिहारी, ना होश मेरे होश में रहे।