तू चाल रुणिचे चाल एक दिन तो सुनसी। क्यों मन में होए उदास एक दिन तो सुनसी।तू चाल रुणिचे चाल एक दिन तो सुनसी। क्यों मन में होए उदास एक दिन तो सुनसी।
बरस बरस धीरे पैदल जावे, हुकम बाबे रो बुलावे। बहुत जिकारे मन में होवे तो वह दर्शन पावे।बरस बरस धीरे पैदल जावे, हुकम बाबे रो बुलावे। बहुत जिकारे मन में होवे तो वह दर्शन पावे। तू मंदिर डेरा डाल,एक दिन तो सुनसी।तू चाल रुणिचे चाल एक दिन तो सुनसी। क्यों मन में होए उदास एक दिन तो सुनसी।
बाबे मैं तूं ध्यान लगा ले, मन इच्छा फल पाले।बाबे मैं तूं ध्यान लगा ले, मन इच्छा फल पाले। क्यों तु हें बेआस बाबे से खाली झोली भर ले। कर विनती बारंबार,एक दिन तो सुनसी।तू चाल रुणिचे चाल एक दिन तो सुनसी। क्यों मन में होए उदास एक दिन तो सुनसी।
भटक भटक तू दर-दर झूठों, जीवन यूं ही गवावे। चढ़ते सूरज सब साथी, ढलते में काम ना आवे।भटक भटक तू दर-दर झूठों, जीवन यूं ही गवावे। चढ़ते सूरज सब साथी, ढलते में काम ना आवे। है सागर रो विश्वास,एक दिन तो सुनसी।तू चाल रुणिचे चाल एक दिन तो सुनसी। क्यों मन में होए उदास एक दिन तो सुनसी।
तू चाल रुणिचे चाल एक दिन तो सुनसी। क्यों मन में होए उदास एक दिन तो सुनसी।तू चाल रुणिचे चाल एक दिन तो सुनसी। क्यों मन में होए उदास एक दिन तो सुनसी।