श्याम ऐसे बसों मेरे मन मे, नैनन मे,
कोई देखे ना हमको तुमको,श्याम ऐसे बसों मेरे मन मे, नैनन मे,
कोई देखे ना हमको तुमको,
जैसे धरती पे बीज उगता है,जैसे धरती पे बीज उगता है,कोई देख नहीं पाता है,
श्याम ऐसे बीजो मेरे मन मे,कोई देखे ना हमको तुमको,श्याम ऐसे बसों मेरे मन मे, नैनन मे,
कोई देखे ना हमको तुमको,
जैसे दूध मे घी रहता है,जैसे दूध मे घी रहता है,
कोई देख नहीं पाता है,श्याम ऐसे बिलो मेरे मन मे,कोई देखे ना हमको तुमको,श्याम ऐसे बसों मेरे मन मे नैनन मे,
कोई देखे ना हमको तुमको,
जैसे मेहंदी मे रंग रहता है,जैसे मेहंदी मे रंग रहता है,कोई देख नहीं पाता है,
श्याम ऐसे रचो मेरे मन मे,कोई देखे ना हमको तुमको,श्याम ऐसे बसों मेरे मन मे, नैनन मे,
कोई देखे ना हमको तुमको,श्याम ऐसे बसों मेरे मन मे, नैनन मे,
कोई देखे ना हमको तुमको,
जैसे मंदिर मे तुम रहते हो,जैसे मंदिर मे तुम रहते हो,जैसे किसी को नहीं दिखते हो,
श्याम ऐसे बसों मेरे मन मे,कोई देखे ना हमको तुमको,श्याम ऐसे बसों मेरे मन मे, नैनन मे,
कोई देखे ना हमको तुमको,श्याम ऐसे बसों मेरे मन मे, नैनन मे,
कोई देखे ना हमको तुमको,