भोला भंडारी, सांई भोला भंडारी,
भोला भंडारी, सांई भोला भंडारी,
भोला भंडारी सांई भोला भंडारी,
शिव भोला शिव भोला शिव भोला भंडारी,
साधु भोला भंडारी सांई भोला भंडारी शिव भोला भंडारी ।
भस्मासुर ने करी तपस्या प्रगट भये त्रिपुरारी,
जिसके सिर पर हाथ लगावे भस्म हुये तन सारी,
शिव भोला शिव भोला शिव भोला भंडारी,
साधु भोला भंडारी सांई भोला भंडारी शिव भोला भंडारी,
शिव के सिर पर हाथ करन की मन में दुष्ट विचारी,भागे फिरत चहों दिसी शंकर लगा दैत्य दर भारी,गिरिजा रुप धर हरी हरी बोले बात असुल से प्यारी,
जो तू मुझको नाच सिखावे हो ओ नार तुम्हारी,
शिव भोला शिव भोला शिव भोला भंडारी,
साधु भोला भंडारी सांई भोला भंडारी शिव भोला भंडारी ।
नाच करत अपने सिर कर धर भस्म गयौ मती मारी,ब्रहृम नन्द दे दे जोई कोई माँगे शिव भक्तन हितकारी,शिव भोला शिव भोला शिव भोला भंडारी,साधु भोला भंडारी सांई भोला भंडारी
सांई भोला भंडारी शिव भोला भंडारी।