तर्ज, कठे सु आई सूट
सुन गोरजा नखराली, पाछी ले जिद तूं थारी।सुन गोरजा नखराली, पाछी ले जिद तूं थारी। काई खावेली तू सागे, मैं भोलो सो भंडारी।काई खावेली तू सागे, मैं भोलो सो भंडारी।
मैं भोलो तो भंडारी तू तो एक राजकुमारी।मैं भोलो तो भंडारी तू तो एक राजकुमारी।काई खावेली तू सागे, मैं भोलो सो भंडारी।काई खावेली तू सागे, मैं भोलो सो भंडारी।
मैं तो थारी प्रेम दीवानी, सुन जा रहे हो त्रिपुरारी।मैं तो थारी प्रेम दीवानी, सुन जा रहे हो त्रिपुरारी। में वर थाने तो मानी सुन ओ भोले भंडारी।
सुन भोले ओ भंडारी, मैं बनू गोरजा थारी।सुन भोले ओ भंडारी, मैं बनू गोरजा थारी।में वर थाने तो मानी सुन ओ भोले भंडारी।में वर थाने तो मानी सुन ओ भोले भंडारी।
दोहा,चुडलो पहरूं आप रो म्हाने हिवडे ले लो लगाए।नही जिऊं बिन आप रे, में तो मरूं कटारी खाय।
नहीं महल मालिया म्हारे, मति थारी तूं क्यों मारी। पहाड़ों में ठोकरा खावेगी मैं तो भोले भंडारी।पहाड़ों में ठोकरा खावेगी मैं तो भोले भंडारी।पहाड़ों में ठोकरा खावेगी मैं तो भोले भंडारी।मैं भोलो तो भंडारी तू तो एक राजकुमारी।पहाड़ों में ठोकरा खावेगी मैं तो भोले भंडारी।
मैं दुख सुख सब सह लूंगी थारे संग में त्रिपुरारी।मैं दुख सुख सब सह लूंगी थारे संग में त्रिपुरारी। मैं भांग धतूरा घोटूली सुन थारा ओ भंडारी।मैं भांग धतूरा घोटूली सुन थारा ओ भंडारी। सुन भोले ओ भंडारी, बना ले अपनी प्यारी।मैं भांग धतूरा घोटूली सुन थारा ओ भंडारी।मैं भांग धतूरा घोटूली सुन थारा ओ भंडारी।
दोहा,मेहंदी रचाऊं थारे नाम री मैं करूं सोलह सिंगार। बाएं अंग लगाओ जी माने नीलकंठ अवतार।
नहीं कुटुम कबीलो म्हारे, मैं तो साधु तपधारी।नहीं कुटुम कबीलो म्हारे, मैं तो साधु तपधारी। तुम बैठ एकली रोवेगी मैं तो भोले भंडारी।तुम बैठ एकली रोवेगी मैं तो भोले भंडारी।
मैं तो भोले भंडारी कैलासा को हूं वासी।तु बैठ एकली रोवेगी मैं तो भोले भंडारी।तु बैठ एकली रोवेगी मैं तो भोले भंडारी।
मैं तो थारी सेवा करूंगी सुन नंदी के असवारी।मैं तो थारी सेवा करूंगी सुन नंदी के असवारी। बना ले तू तो माने थारी तो घरवाली।बना ले तू तो माने थारी तो घरवाली।