तर्ज, मात पिता गुरु प्रभु चरणों में प्रणवत बारंबार
लक्ष्मीनाथ म्हाने प्यारो लागे चारभुजा रो नाथ, म्हारो चित चरणा मे राख।म्हारो चित चरणा मे राख।लक्ष्मीनाथ म्हाने प्यारो लागे चारभुजा रो नाथ, म्हारो चित चरणा मे राख।म्हारो चित चरणा मे राख।
मोर मुकुट सिर छत्र बिराजे, कानों में प्यारे कुंडल साजे।मोर मुकुट सिर छत्र बिराजे, कानों में प्यारे कुंडल साजे। गले हीरा को हार हजारी, भगता नी हिवड़े लगाए,म्हारो चित चरणा मे राख।म्हारो चित चरणा मे राख।लक्ष्मीनाथ म्हाने प्यारो लागे चारभुजा रो नाथ, म्हारो चित चरणा मे राख।म्हारो चित चरणा मे राख।
रतन सिंहासन आप बिराजो, राधा रुक्मण संग में राखो।रतन सिंहासन आप बिराजो, राधा रुक्मण संग में राखो। चरण धोए चरणामृत पीऊं मगन रहूं दिन-रात,म्हारो चित चरणा मे राख।म्हारो चित चरणा मे राख।लक्ष्मीनाथ म्हाने प्यारो लागे चारभुजा रो नाथ, म्हारो चित चरणा मे राख।म्हारो चित चरणा मे राख।
माखन मिश्री को भोग लगाऊ, हाथ जोड़ तने अरज सुनाऊं।माखन मिश्री को भोग लगाऊ, हाथ जोड़ तने अरज सुनाऊं। सुबह-शाम थारा दर्शन पाऊं खुशियां मनाऊं दिन-रात,म्हारो चित चरणा मे राख।म्हारो चित चरणा मे राख।लक्ष्मीनाथ म्हाने प्यारो लागे चारभुजा रो नाथ, म्हारो चित चरणा मे राख।म्हारो चित चरणा मे राख।
दर्शन विन दोऊ अखियां प्यासी, दर्श देओ नी द्वारका रा वासी।दर्शन विन दोऊ अखियां प्यासी, दर्श देओ नी द्वारका रा वासी। रात दिन थारा गुण में गांऊं कर दो भव से पार,म्हारो चित चरणा मे राख।म्हारो चित चरणा मे राख।लक्ष्मीनाथ म्हाने प्यारो लागे चारभुजा रो नाथ, म्हारो चित चरणा मे राख।म्हारो चित चरणा मे राख।
लक्ष्मीनाथ म्हाने प्यारो लागे चारभुजा रो नाथ, म्हारो चित चरणा मे राख।म्हारो चित चरणा मे राख।लक्ष्मीनाथ म्हाने प्यारो लागे चारभुजा रो नाथ, म्हारो चित चरणा मे राख।म्हारो चित चरणा मे राख।