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हनुमान (बालाजी) भजन लिरिक्स hanuman balaji bhajan lyrics

Hanuman ki bhujayien ,धारे हुए हैं हमको हनुमान की भुजाएं,balaji bhajan

धारे हुए हैं हमको हनुमान की भुजाएं।

सिंदूर तन पे मल के ज्वाला से जगमगाए। कानों के दोनों कुंडल तारों से झिलमिलाए।सिंदूर तन पे मल के ज्वाला से जगमगाए। कानों के दोनों कुंडल तारों से झिलमिलाए। संभव नहीं हमारे यह पाव लड़खड़ाए। धारे हुए हैं हमको हनुमान की भुजाएं। चिंता के मेंघ गरजे पर हम डरे कहां है। बजरंग दुख जगत के तुमसे बड़े कहां है।चिंता के मेंघ गरजे पर हम डरे कहां है। बजरंग दुख जगत के तुमसे बड़े कहां है।

सागर के पास जाकर सीता को खोज लाएं। संजीवनी का पर्वत हाथों में वह उठाएं।सागर के पास जाकर सीता को खोज लाएं। संजीवनी का पर्वत हाथों में वह उठाएं। लंका जला दी जिसमें वह सुरवीर तुम हो। जो चीर दे गगन को वह अग्नि तीर तुम हो। हे राम दूत आओ जिसे तुम ना भेद पाओ। संकट हमारे आखिर इतने बड़े कहां है।बजरंग दुख जगत के तुमसे बड़े कहां है।चिंता के मेंघ गरजे पर हम डरे कहां है। बजरंग दुख जगत के तुमसे बड़े कहां है।

किस को झुकाए माथा किससे लगाएं आशा। तुमने ही पाला पोषा तुम पर ही है भरोसा।किस को झुकाए माथा किससे लगाएं आशा। तुमने ही पाला पोषा तुम पर ही है भरोसा। हे राम के उपकारी दुविधा हरो हमारी। याचक खड़ा है आकर द्वारे। हे नाथ बिन तुम्हारे दुखिया करेहा।बजरंग दुख जगत के तुमसे बड़े कहां है।चिंता के मेंघ गरजे पर हम डरे कहां है। बजरंग दुख जगत के तुमसे बड़े कहां है।

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