तर्ज, थाली भरकर लाई खीचड़ो
सासरियो रे आंगणिये में बाई हरख मनावे हैं
माँ को जाया बीरो देखो, भात भरण ने आवे है ।
सासरियो रे आंगणिये में बाई हरख मनावे हैं।
कुण देश सुं आया हो थे, कुण देश थे जावोला।कुणजी रा बीरा हो थे, कुणजी रे घर जावोला ।
मथुरा शहर सूं आया हां म्हे रूपनगर म्हे जावाला ।लाडली बाई रा बीरा हाँ म्हें, लाडली रे घर जावांला ।माँ को जाया बीरो देखो, भात भरण ने आवे है।
माथे में बीरा मेमंद लायो, रखडी लायो साथ रे ।
कानो में बीरा कुंडल लायो, गल मोतियन से हार रे ।बाई उभी हरख कर है, सगला ने बतलावे है ।
सासरियो रे आंगणिये में बाई हरख मनावे हैं
माँ को जाया बीरो देखो, भात भरण ने आवे है ।।
हाथों में बीरा हथफूल लायो, गजरा लाईयों साथ रे ।पगल्या में म्हारे पायल लायो, बिछिया लायो साथ रे ।आज बीरा म्हारे आंगण आया, बहन सुगन मनावे है ।सासरियो रे आंगणिये में बाई हरख मनावे हैं।माँ को जाया बीरो देखो, भात भरण ने आवे है ।
ओढ्न ण बीरो चुनड लाया , निरखे सकल परिवार जी।ओढ़ लाडली बहना प्यारी , शुभ घड़ी आई आज जी।बहन भाई क तिलक लगावे , भाई चुंदरी ओढाव हैं।माँ को जाया बीरो देखो, भात भरण ने आवे है ।
सासरियो रे आंगणिये में बाई हरख मनावे हैं
माँ को जाया बीरो देखो, भात भरण ने आवे है ।