घर हां दुवारे धनी रखवा हो ठीक से संभार के। ले ले चल हमको बलमुआ हो, संग ही संभार के। सावन सोमवारी के भीड़ होला भारी बाबा के भवनमा मा। पिया हमके करन दर्शनवा, बरसेला सावनवा ना।पिया हमके करन दर्शनवा, बरसेला सावनवा ना।
घुंघट में चल हूं कैसे, अब ही दुल्हनिया रे बालू। ज़िद जाने कहां तने ठानी, नया नव हरि कन्या रे बानू। नया का जमाना अब आईल, हम ना लजाहीब राजा। गंगा जी में डुबकी लगाईब, जलवा उठाईब राजा। गवाही शिवालय पर डाला तू जलवा, मानो कहांनवा ना।पिया हमके करन दर्शनवा, बरसेला सावनवा ना।पिया हमके करन दर्शनवा, बरसेला सावनवा ना।
हौसू कबार पैदल चाला ना जाता हो।हौसू कबार पैदल चाला ना जाता हो। चढ़हूं पहाड़ पड़ी पव्वा में छाला हो। तोहार से आगे आगे चलके दिखाइब ये राजा। तोहार से पहले जलवा हम ही चढ़ाईब हे राजा। संखा पोला तोहार के किन के ले आईबे, पंकज सजनवा ना।पिया हमके करन दर्शनवा, बरसेला सावनवा ना।पिया हमके करन दर्शनवा, बरसेला सावनवा ना।