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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Amrit ki Varsha ho rahi mere Govind ke Darbar mein,अमृत की वर्षा हो रही मेरे गोविंद के दरबार में,krishna bhajan

अमृत की वर्षा हो रही मेरे गोविंद के दरबार में।

तर्ज, अब सौंप दिया इस जीवन

अमृत की वर्षा हो रही मेरे गोविंद के दरबार में।अमृत की वर्षा हो रही मेरे गोविंद के दरबार में।अमृत की वर्षा हो रही मेरे गोविंद के दरबार में।

दरबार निराला गोविंद का, मिलता है प्याला अमृत कादरबार निराला गोविंद का, मिलता है प्याला अमृत का। मेरी आनंद कलियां खिल रही मेरे दाता के दरबार मे।अमृत की वर्षा हो रही मेरे गोविंद के दरबार में।अमृत की वर्षा हो रही मेरे गोविंद के दरबार में।

प्राण प्यारे हरि हमारे। प्राण प्यारे प्रभु हमारे। आनंद धन नैनो के तारे।प्राण प्यारे हरि हमारे। प्राण प्यारे प्रभु हमारे। आनंद धन नैनो के तारे। प्रेम की गंगा बह रही मेरे गोविंद के दरबार में।अमृत की वर्षा हो रही मेरे गोविंद के दरबार में।अमृत की वर्षा हो रही मेरे गोविंद के दरबार में।

नाम भी अमृत सेवा अमृत। दर्शन अमृत सत्संग अमृत।नाम भी अमृत सेवा अमृत। दर्शन अमृत सत्संग अमृत। संतो की महिमा बढ़ रही मेरे गोविंद के दरबार में।अमृत की वर्षा हो रही मेरे गोविंद के दरबार में।अमृत की वर्षा हो रही मेरे गोविंद के दरबार में।

कृष्ण कन्हैया घेनू चरैया। नाग नथैया रास रचैया।कृष्ण कन्हैया घेनू चरैया। नाग नथैया रास रचैया। अनुपम झांकी सज रही मेरे दाता के दरबार में।अमृत की वर्षा हो रही मेरे गोविंद के दरबार में।अमृत की वर्षा हो रही मेरे गोविंद के दरबार में।

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