हार नहीं होगी जीवन में श्याम से प्रीत लगा ले तू। एक बार तो दर पर शीश झुका ले। चल खाटू दरबार में चल अपनी अर्जी लगा ले तू।एक बार तो दर पर शीश झुका ले तूं।झुका ले तूं।एक बार तो दर पर शीश झुका ले तूं।झुका ले तूं।एक बार तो दर पर शीश झुकाले तूं।
खाटू वाले श्याम के दर पर जो भी शीश झुकाता है।जो भी शीश झुकाता है।जो भी शीश झुकाता है।खाटू वाले श्याम के दर पर जो भी शीश झुकाता है। उसको अपने गले लगाकर श्याम सखा बन जाता है। एक बार तो दर पर शीश झुका ले तूं।झुका ले तूं।एक बार तो दर पर शीश झुका ले तूं।
सांवरिया अपने भक्तों पर रहमत अपनी लुटाता है।रहमत अपनी लुटाता है।रहमत अपनी लुटाता है।सांवरिया अपने भक्तों पर रहमत अपनी लुटाता है। लाख मुसीबत पड़े सांवरा बिगड़ी बात बनाता है।एक बार तो दर पर शीश झुका ले तूं।झुका ले तूं।एक बार तो दर पर शीश झुका ले तूं।
बाबा तो है बड़ा दयालु दया की बारिश करता है।दया की बारिश करता है।दया की बारिश करता है।बाबा तो है बड़ा दयालु दया की बारिश करता है। जो भी बन कर गया सवाली उसका दामन भरता है।एक बार तो दर पर शीश झुका ले तूं।झुका ले तूं।एक बार तो दर पर शीश झुका ले तूं।
कभी ना टूटे आश भक्तों की जिसे भरोसा रहता है।जिसे भरोसा रहता है।जिसे भरोसा रहता है।कभी ना टूटे आश भक्तों की जिसे भरोसा रहता है। प्रेमी के घर श्याम कृपा का हर पल दरिया बहता है।एक बार तो दर पर शीश झुका ले तूं।झुका ले तूं।एक बार तो दर पर शीश झुका ले तूं।
हार नहीं होगी जीवन में श्याम से प्रीत लगा ले तू। एक बार तो दर पर शीश झुका ले। चल खाटू दरबार में चल अपनी अर्जी लगा ले तू।एक बार तो दर पर शीश झुका ले तूं।झुका ले तूं।एक बार तो दर पर शीश झुका ले तूं।झुका ले तूं।एक बार तो दर पर शीश झुकाले तूं।