तर्ज, धरती धोरा री
लाडो चाली पिया के द्वार, करके चावल की बौछार, अब तो आऊंगी तीज त्यौहार, लाडो चाली रे ,लाडो चाली रे।लाडो चाली पिया के द्वार, करके चावल की बौछार, अब तो आऊंगी तीज त्यौहार, लाडो चाली रे ,लाडो चाली रे।
घर तेरा खूब फले मेरे बाबुल, झोली में दो डाल दे चावल।घर तेरा खूब फले मेरे बाबुल, झोली में दो डाल दे चावल। बाबुल तू मेरा सिर का ताज, तेरे सिर पर कर लिया राज।बाबुल तू मेरा सिर का ताज, तेरे सिर पर कर लिया राज। अब मेरा कौन सहेगा नाज, लाडो चाली रे, लाडो चाली रे।
यह ले मां यह घर हुआ तेरा। करती रही जिसे मेरा मेरा।यह ले मां यह घर हुआ तेरा। करती रही जिसे मेरा मेरा। चार दिना मौजा मार के, ला के सुखा दे समुदे लाजो तारी। आई मां थोरा कुटिया दे, दीया कर चलियां सरदारी।
कैसे रहेगी मां तू अकेली। बचपन से हम संग थे खेली।कैसे रहेगी मां तू अकेली। बचपन से हम संग थे खेली। एक दूजे की बनके सहेली। लाडो चाली रे लाडो चली रे।
शैली क्यों आंखें भर आई ,कर दी रे एक पल में पराई।शैली क्यों आंखें भर आई ,कर दी रे एक पल में पराई। जब कभी तुझको हिचकी आए, तेरा भाई सामने आए, लाडो चाली रे, लाडो चली रे।
लाडो चाली पिया के द्वार, करके चावल की बौछार, अब तो आऊंगी तीज त्यौहार, लाडो चाली रे ,लाडो चाली रे।लाडो चाली पिया के द्वार, करके चावल की बौछार, अब तो आऊंगी तीज त्यौहार, लाडो चाली रे ,लाडो चाली रे।