सेवा म्हारी मानो गणपत, पूजा म्हारी मानो ।
खोलो म्हारे हिवडे रा ताला जी।सेवा म्हारी मानो गणपत, पूजा म्हारी मानो ।
खोलो म्हारे हिवडे रा ताला जी ॥
जल भी चढ़ाऊँ देवा, कोनी रे अछूता ।जल भी चढ़ाऊँ देवा, कोनी रे अछूता ।
कोई जलवा ने मछल्या बिगाड्या जी ॥सेवा म्हारी मानो गणपत, पूजा म्हारी मानो ।
खोलो म्हारे हिवडे रा ताला जी ॥
चन्दन चढ़ाऊँ देवा, कोनी रे अछूता । चन्दन चढ़ाऊँ देवा, कोनी रे अछूता ।
चन्दन ने सर्प बिगाड्या जी ॥ सेवा म्हारी मानो गणपत, पूजा म्हारी मानो ।
खोलो म्हारे हिवडे रा ताला जी ॥
फूल चढ़ाऊँ देवा, कोनी रे अछूता ।फूल चढ़ाऊँ देवा, कोनी रे अछूता ।
फूलड़ा ने भँवरा बिगाड्या जी ॥ सेवा म्हारी मानो गणपत, पूजा म्हारी मानो ।
खोलो म्हारे हिवडे रा ताला जी ॥
दूधड़ला चढ़ाऊँ देवा, कोनी रे अछूता ।दूधड़ला चढ़ाऊँ देवा, कोनी रे अछूता ।
दूधड़ला ने बाछड़ा बिगाड्या जी ॥ सेवा म्हारी मानो गणपत, पूजा म्हारी मानो ।
खोलो म्हारे हिवडे रा ताला जी ॥
काया भी चढ़ाऊँ देवा, कोनी रे अछूता ।काया भी चढ़ाऊँ देवा, कोनी रे अछूता ।
काया न करमा बिगाड्या जी ॥ सेवा म्हारी मानो गणपत, पूजा म्हारी मानो ।
खोलो म्हारे हिवडे रा ताला जी ॥
पाँच चरण जति गोरक्ष बोल्या । पाँच चरण जति गोरक्ष बोल्या ।
साँई तेरा नाम अछूता जी ॥ सेवा म्हारी मानो गणपत, पूजा म्हारी मानो ।
खोलो म्हारे हिवडे रा ताला जी ॥