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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Jinki Jatao Me Ganga Ki Dhar,जिनकी जटाओं में गंगा की धार,shiv bhajan

जिनकी जटाओं में गंगा की धार

तर्ज, आने से उसके आए बहार

जिनकी जटाओं में गंगा की धार,जिनके गले में मुंडो की माल,बड़े ही निराले हैं मेरे भोले बाबा।बड़े ही निराले हैं मेरे भोले बाबा।जिनकी जटाओं में गंगा की धार,जिनके गले में मुंडो की माल,बड़े ही निराले हैं मेरे भोले बाबा।बड़े ही निराले हैं मेरे भोले बाबा।



पास ना कौड़ी रखते,भोला भरते हैं सब के खजाने,सब रहते हैं घरों में,भोला खुद रहते हैं विरानो में,पीते हैं भांग सदा वो,
भर भर प्याला हैं मेरे भोले बाबा।बड़े ही निराले हैं मेरे भोले बाबा।बड़े ही निराले हैं मेरे भोले बाबा।जिनकी जटाओं में गंगा की धार,जिनके गले में मुंडो की माल,बड़े ही निराले हैं मेरे भोले बाबा।बड़े ही निराले हैं मेरे भोले बाबा।

आओ मेरे भोले बाबा,मैं तो बैठा हूं आसन लगाये,दो दरस त्रिपुरारी,
मैं तो राहो पलके बिछाए,आ जाओ आप,
प्रभु तेरी आसन लगाए हैं,मेरे भोले बाबा।जिनकी जटाओं में गंगा की धार,जिनके गले में मुंडो की माल,बड़े ही निराले हैं मेरे भोले बाबा।बड़े ही निराले हैं मेरे भोले बाबा।



जिनके जटाओं में गंगा की धार,
जिनके गलो में मुंडो की माल,
बड़े ही निराले हैं मेरे भोले बाबा।।

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