भीगी भीगी अंखियों से श्याम पुकारू।भीगी भीगी अंखियों से श्याम पुकारू। जो ना देखूं श्याम को किसको निहारू।किसको निहारू।भीगी भीगी अंखियों से श्याम पुकारू।भीगी भीगी अंखियों से श्याम पुकारू।भीगी भीगी अंखियों से श्याम पुकारू।
मैं राधा बड़भागी मेरे एक सखा घनश्याम। ना जाने क्यों रूठ गया और छोड़ गया यह गांव।मैं राधा बड़भागी मेरे एक सखा घनश्याम। ना जाने क्यों रूठ गया और छोड़ गया यह गांव। बिन श्याम तेरे मैं तो केस ना संवारूं। जो ना देखूं श्याम को किसको निहारू।किसको निहारू।भीगी भीगी अंखियों से श्याम पुकारू।भीगी भीगी अंखियों से श्याम पुकारू।भीगी भीगी अंखियों से श्याम पुकारू।
कौन सुनाएं बात मेरी अब कौन कहे मैं हारी। कौन जाए श्याम के घर बैरी दुनिया सारी।कौन सुनाएं बात मेरी अब कौन कहे मैं हारी। कौन जाए श्याम के घर बैरी दुनिया सारी। बिन तेरे श्याम मैं कुछ और ना विचारू।जो ना देखूं श्याम को किसको निहारू।किसको निहारू।भीगी भीगी अंखियों से श्याम पुकारू।भीगी भीगी अंखियों से श्याम पुकारू।भीगी भीगी अंखियों से श्याम पुकारू।
बढ़ती जाए पीड़ा मेरी सांस लिया न जाए। अखियां खोलूं निर बहे और मन मेरा घबराए।बढ़ती जाए पीड़ा मेरी सांस लिया न जाए। अखियां खोलूं निर बहे और मन मेरा घबराए। बिन तेरे श्याम में तो जीवन भी हारू।जो ना देखूं श्याम को किसको निहारू।किसको निहारू।भीगी भीगी अंखियों से श्याम पुकारू।भीगी भीगी अंखियों से श्याम पुकारू।भीगी भीगी अंखियों से श्याम पुकारू।
भीगी भीगी अंखियों से श्याम पुकारू।भीगी भीगी अंखियों से श्याम पुकारू। जो ना देखूं श्याम को किसको निहारू।किसको निहारू।भीगी भीगी अंखियों से श्याम पुकारू।भीगी भीगी अंखियों से श्याम पुकारू।भीगी भीगी अंखियों से श्याम पुकारू।